नई दिल्ली: सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों के लिए प्रमाणपत्र और पहचान पत्र के वास्ते ऑनलाइन आवेदन करने के लिए बुधवार को एक राष्ट्रीय पोर्टल की शुरुआत की. गहलोत ने कहा, ‘पोर्टल के जरिए आवेदक अपने आवेदन की स्थिति को जान सकेंगे और इससे पूरी प्रकिया में पारदर्शिता आएगी.


इसे जारी करने वाले प्राधिकारों को भी आवेदन के संबंध में कड़ाई से समय का पालन करना होगा तथा बिना किसी देरी के प्रमाणपत्र और पहचान पत्र जारी करने होंगे.’ उन्होंने कहा कि प्रमाणपत्र और पहचान पत्र जारी हो जाने पर आवेदक पोर्टल से इसे खुद डाउनलोड कर सकेंगे. देरी होने या आवेदन खारिज होने की स्थिति में आवेदनकर्ता के पास पोर्टल के जरिए शिकायत करने का विकल्प होगा. इस शिकायत को संबंधित अधिकारी तक अग्रसारित किया जाएगा और जल्द से जल्द शिकायत का समाधान होगा.


मंत्री ने उम्मीद जताई कि पोर्टल से समुदाय के लोगों को काफी मदद मिलेगी तथा उन्हें ट्रांसजेंडर का प्रमाणपत्र और पहचान पत्र मिल जाएंगे. इस अवसर पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि राष्ट्रीय पोर्टल के जरिए ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग कहीं से भी इसका फायदा उठा सकते हैं. गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए वड़ोदरा में ‘गरिमा गृह : ट्रांसजेंडर लोगों के लिए आश्रय स्थल’ का भी उद्घाटन किया। इस आश्रय स्थल को ‘लक्ष्य’ ट्रस्ट के सहयोग से चलाया जाएगा.


मंत्रालय ने ट्रांसजेंडर लोगों की स्थिति सुधारने के लिए कदम उठाया है और 13 आश्रय स्थल बनाने के लिए 10 शहरों की पहचान की है. इनमें वड़ोदरा, नयी दिल्ली, पटना, भुवनेश्वर, जयपुर, कोलकाता, मणिपुर, चेन्नई, रायपुर, मुंबई तथा अन्य शहर शामिल हैं. पुनर्वास योजना के तहत मंत्रालय द्वारा चिह्नित हर आश्रय स्थल में कम से कम 25 ट्रांसजेंडर लोग रहेंगे. इस परियोजना के सफल होने पर देश के विभिन्न हिस्सों में इसकी शुरुआत की जाएगी.