नई दिल्लीः गुरुग्राम के बहुचर्चित पूजा शर्मा हत्याकांड में पुलिस के हाथ 4 दिन बाद भी हाथ खाली हैं. पुलिस ने इस मामले में अब लोकल क्रिमिनल्स के एंगल पर काम करना शुरू कर दिया है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि देर रात को जिस तरीके से इस वारदात को अंजाम दिया गया है, उससे ऐसा लग रहा है कि इस वारदात में लोकल क्रिमिनल शामिल हो सकते हैं, जो रोड रॉबरी जैसी वारदातों को अंजाम देते रहे हैं. इसके लिए पुलिस, क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले लोगों के रिकॉर्ड भी खंगाल रही है.

गुरुग्राम पुलिस को अभी तक यह सुराग नहीं मिल पाया है कि आखिर पूजा शर्मा की हत्या की ठोस वजह क्या है? पुलिस अभी भी इसी बात में उलझी है कि क्या पूजा शर्मा की हत्या करने वाले लुटेरे थे या फिर किसी और वजह से पूजा शर्मा की हत्या की गई है. इस मामले की जांच में गुरुग्राम पुलिस की लगभग आधा दर्जन टीमें काम कर रही हैं.

हालांकि पुलिस का कहना है कि अभी तक सही कारण का पता नहीं लगाया जा सका है. इसलिए पुलिस लूटपाट से लेकर रंजिश तक के हर एंगल को ध्यान में रखते हुए इस मामले की जांच कर रही है. पुलिस सूत्रों का यह भी कहना है कि आसपास लगे कि सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गयी है लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा है. एक कैमरे में बाइक पर 3 लोग सवार जरूर दिखे हैं लेकिन न तो उस बाइक का नम्बर ही दिखा है और न ही बाइक कौनसी है यह समझ में आ रहा है.

क्या हुआ था?

बता दें कि गुरुग्राम के सेक्टर 65 में 3 नवंबर की देर रात बाइक सवार 3 बदमाशों ने क्रेटा कार में अपने दोस्त सागर मनचंदा के साथ मौजूद पूजा शर्मा को गोली मार दी थी. सागर और पूजा 3 नवंबर की शाम से साथ ही थे. पहले दोनों ने डिनर किया, जिसके बाद पूजा और सागर क्रेटा कार में ड्राइव के लिए निकल गए. कार पूजा ड्राइव कर रही थी. सागर ने सेक्टर-65 में एक प्रॉपर्टी बुक करवाई है. सागर पूजा को वही साइट दिखाने के लिए लाया था. जब दोनों साइट से वापस जा रहे थे, तभी उनकी कार के सामने एक बाइक आकर रुकती है, जिस पर 3 नकाबपोश युवक सवार होते हैं.

वे पूजा और सागर से कार का शीशा नीचे करने को कहते हैं. लेकिन दोनों ऐसा करने से इंकार कर देते हैं. जिसके बाद बदमाश एक गोली विंडशील्ड पर मारते हैं, जो किसी को नहीं लगती. फिर पूजा कार को आगे बढ़ाती है तो ड्राइविंग साइड की खिड़की पर गोली मारी जाती है, जो पूजा के लगती है. सागर कार को ड्राइव कर पूजा को अस्पताल पहुंचाता है, जहां 5 नवंबर को पूजा की मौत हो जाती है.

वहीं पूजा के शव को उसके परिजन शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद छत्तीसगढ़ ले गए थे. पूजा छत्तीसगढ़ की रहने वाली थी, जो गुरुग्राम में आईटी कंपनी में काम करती थी और लॉकडाउन के बाद से ही छत्तीसगढ़ में थी. कंपनी ने उसे लैपटॉप के सिलसिले में बुलाया था, इसलिए वह गुरुग्राम आयी थी. उसे 4 नवंबर को ही छत्तीसगढ़ वापस लौटना था लेकिन उससे पहले ही उसके साथ यह वारदात हो गयी.

इसे भी पढ़ेंः दिल्ली: प्रदूषण और संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच आईसीयू बिस्तरों की संख्या में कमी

यूपी सरकार का फैसला- हज यात्रियों को मोबाइल पर मिलेगी यात्रा से जुड़ी सभी जानकारी