Pollution News In Delhi: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है और आने वाले दिनों में ये संकट गहराने की आशंका है. दिल्ली में हर साल ठंड के मौसम में प्रदूषण की समस्य विकराल रूप ले लेती है और इस बार भी स्तिथि खराब होती दिख रही है. अक्टूबर के महज ग्यारह दिनों में प्रदूषण का स्तर संतोषजनक से बढ़कर सामान्य स्थिति में पहुंच गया है. दिल्ली सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 30 सितंबर को दिल्ली में वायु की गुणवत्ता का आंकड़ा 80 पर था जो कि संतोषजनक की श्रेणी में आता है. वहीं 11 अक्टूबर को वायु की गुणवत्ता का आंकड़ा 166 पर पहुँच गया जो कि सामान्य या मॉडरेट की श्रेणी में है.

दिल्ली में बीते 1 हफ्ते का प्रदूषण का आकंड़ा इस प्रकार है-

4 अक्टूबर-AQI- 91 (संतोषजनक)PM10- 97PM2.5- 30

5 अक्टूबर-AQI- 115 (मॉडरेट)PM10- 116PM2.5- 40

6 अक्टूबर-AQI- 114 (मॉडरेट)PM10- 125PM2.5- 48

7 अक्टूबर-AQI- 127 (मॉडरेट)PM10- 132PM2.5- 59

8 अक्टूबर-AQI- 167 (मॉडरेट)PM10- 187PM2.5- 70

9 अक्टूबर-AQI- 171 (मॉडरेट)PM10- 197PM2.5- 69

10 अक्टूबर-AQI- 168 (मॉडरेट)PM10- 196PM2.5- 66

11 अक्टूबर-AQI- 166 (मॉडरेट)PM10- 184PM2.5 - 64

प्रदूषण के ये आंकड़े बताते हैं कि आने वाले दिनों में स्तिथि और खराब हो सकती है. चिंता की बात ये है कि दिल्ली के कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर मॉडरेट के भी पर चला गया है यानी मौसम बदलने के साथ-साथ वायु की गुणवत्ता भी खराब होती जा रही है. प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली का अपना प्रदूषण सुरक्षित लिमिट में है. पिछले कुछ दिनों से प्रदूषण बढ़ रहा है क्योंकि पड़ोसी राज्यों में किसान पराली जलाने को मजबूर हैं. इस वजह से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने लगा है. आगे अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि दिल्ली में 25% से ज्यादा प्रदूषण कम हुआ है. मुख्यमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि बाहर से आने वाले प्रदूषण के साथ साथ दिल्ली में पैदा होने वाले प्रदूषण को और कम करना होगा.

प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने तैयार किया 10 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान 2021-

1. पूसा इंस्टीट्यूट की मदद से बायो डिकम्पोज़र घोल बनाया गया है. इसके छिड़काव से पराली गल जाती है. दिल्ली सरकार फ्री में छिड़काव करवा रही है

2. दिल्ली में 7 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक एंटी डस्ट अभियान चलाया जा रहा है. एंटी डस्ट अभियान के तहत 31 टीमों का गठन किया गया है, जिसमें डीपीसीसी की 17 और ग्रीन मार्शल की 14 टीमें शामिल हैं.

3. कूड़ा जलने से बचाने के लिए 250 टीम का गठन किया गया है

4. पटाखों के ऊपर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है

5.स्मॉग टावर लगाया गया है. अगर सफल रहा तो दिल्ली की ओर इलाकों में भी लगाए जाएंगे

6. हॉटस्पॉट्स यानी जहां ज्यादा प्रदूषण होता है वहां पर निगरानी रखी जा रही है. विशेष टीमें बनाई गई हैं इनकी निगरानी के लिए

7. ग्रीन वॉर रूम को और मजबूत किया जा रहा है. 50 नए पर्यावरण इंजीनियर की भर्ती की गई है. यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के साथ भी तालमेल किया गया है.

8. ग्रीन दिल्ली ऐप का लगातार इस्तेमाल किया जा रहा है. कहीं पर भी कूड़ा जलता  दिखने या प्रदूषण दिखने पर लोग शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

9. ई-वेस्ट पार्क दिल्ली में बनाया जा रहा है 20 एकड़ में. ई-वेस्ट से जो प्रदूषण फैलता है उसकी रोकथाम के लिए इसको बनाया जा रहा है

10. वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए 64 ऐसी सड़कों को चिन्हित किया गया है जहां पर ज्यादा जाम लगते हैं और उसकी वजह से प्रदूषण होता है. यहां पर जाम को रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे. पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल के सर्टिफिकेट की कड़ाई से जांच करने के लिए 500 टीम का गठन किया गया है.

दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण से निपटने के लिए अब तक उठाये गए कदम-

• पराली की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली में 4000 एकड़ धान के खेतों में पूसा इंस्टिट्यूट की मदद से बायो डिकम्पोज़र घोल का फ्री छिड़काव कराया जा रहा है.

• डस्ट पॉल्युशन रोकने के लिए कंस्ट्रक्शन साइट्स पर 7 अक्टूबर से निर्माण कार्य के लिए पर्यावरण विभाग द्वारा जारी नियमों को लागू करना जरूरी है. कंस्ट्रक्शन साइट पर नियम उल्लंघन होने पर एनजीटी की गाइडलाइन के मुताबिक 10 हजार से 5 लाख और उससे ज़्यादा का जुर्माना लगाने का प्रावधान है.

• ग्रीन वॉर रूम बनाया गया है जिसमें पॉल्युशन के रियल टाइम डेटा की मॉनिटरिंग होती है. खासतौर पर प्रदूषण के हॉटस्पॉट्स की मॉनिटरिंग की जाती है.

• दिल्ली में पहले जो ईंधन उद्योग में इस्तेमाल होता था वह प्रदूषण करता था इसे अब 100% PNG कर दिया गया है

• कोयले से चलने वाले दो थर्मल प्लांट दिल्ली में थे जिन्हें बंद कर दिया गया

• इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी दिल्ली में लागू की गई

• GRAP लागू किया

• ट्री ट्रांसप्लांटेशन पालिसी बनाई गई ताकि पेड़ कम काटे जाएं

• ग्रीन दिल्ली ऐप बनाया गया. दिल्ली सरकार के मुताबिक इस पर अब तक मिली 93% शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है

• धूल प्रदूषण के सेल्फ असेसमेंट को लेकर पोर्टल लॉन्च किया है. निर्माण कार्य के वक्त 15 नियमों को पूरा करने की ऑनलाइन जानकारी देनी होगी. वेबसाइट https://dustcontroldpcc.delhi.gov.in के जरिए निगरानी का काम 1 नवंबर से शुरू होगा. 29 अक्टूबर तक 31 टीम मैनुअल जांच करेंगी.

• रेड लाइन ऑन गाड़ी ऑफ कैम्पेन की घोषणा कर दी गई है. साथ ही दिल्लीवालों से हफ्ते में एक बार प्राइवेट कार या स्कूटी/बाइक का इस्तेमाल न कर पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने की अपील की गई है. 

दिल्ली सरकार की केंद्र सरकार और आसपास की राज्य सरकारों से अपील- 

1. पराली जलने से रोकने के लिए राज्य सरकारों से आगे आने की अपील

2. NCR से दिल्ली आने वाले वाहनों को सीएनजी में परिवर्तित किया जाए

3. NCR एरिया में चल रहे सभी उद्योगों के ईंधन को प्रदूषण फैलाने वाले ईंधन से बदलकर PNG में बदल दिया जाए

4. पड़ोसी राज्यों में जो थर्मल पावर प्लांट चल रहे हैं जिसका धुआं और करण वायु में आते हैं उसको या तो बंद किया जाए या फिर नई तकनीक का इस्तेमाल करके इनको परिवर्तित किया जाए

5. NCR या पड़ोसी राज्यों में चल रहे ईट भट्टों को किसी दूसरी तकनीक पर डाला जाए ताकि वह प्रदूषण ना कर सके

6. NCR के इलाकों में 24 घंटे की सप्लाई दें ताकि लोग डीजल के जनरेटर ना चलाएं

7. पड़ोसी राज्य या एनसीआर अपने यहां प्रदूषण के हॉटस्पॉट चिन्हित करके उनकी निगरानी करें

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