नई दिल्ली: कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता ही जा रहा है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 से निपटने के साथ ही अर्थव्यवस्था को भी महत्व देना होगा. उन्होंने मुख्यमंत्रियों से तीन मई को लॉकडाउन के दो चरण समाप्त होने के बाद आगे की योजना बनाने को कहा. साथ ही आगाह किया कि खतरा जल्द टलने वाला नहीं है. उधर, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटे में देश में कोविड-19 के 60 रोगियों की मौत हो गयी.


हालांकि, अधिकारियों की इस घोषणा से थोड़ी राहत मिली है कि भारत के 85 जिलों में पिछले दो सप्ताह में कोरोना वायरस का एक भी संक्रमण का मामला सामने नहीं आया है. साथ ही पूर्वोत्तर के पांच राज्य वायरस के प्रकोप से पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं.


इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देशभर में संक्रमण के कुल मामले 29,000 के आंकड़े को पार कर गए हैं. वहीं अब तक कम से कम 935 लोगों की मौत हो चुकी है. अनेक राज्यों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 6,600 रोगियों को अस्पतालों से छुट्टी मिलने के बाद संक्रमण से मरीजों के उबरने की दर 22 प्रतिशत से अधिक हो गयी है.


घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने चेतावनी दी है कि लॉकडाउन से 10 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा. एजेंसी ने मौजूदा वित्तवर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर करीब आधी होकर 1.8 फीसदी होने का अनुमान लगाया है.


क्रिसिल ने कहा, ‘‘लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर खतरनाक असर पड़ रहा है और इससे राहत पैकेजों के बावजूद जीडीपी, बेरोजगारी और गरीबी के रूप में स्थायी नुकसान हो सकता है.’’ सकारात्मक पक्ष यह रहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 14 दिन में 85 जिलों में संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है.


केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने अलग से कहा कि पूर्वोत्तर के पांच राज्यों - सिक्किम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और त्रिपुरा अब पूरी तरह से कोरोना वायरस से मुक्त हैं. इसके अलावा तीन अन्य राज्य- असम, मेघालय और मिजोरम में पिछले कुछ दिन से कोविड-19 का कोई नया मामला नहीं आया है.


हिमाचल प्रदेश में भी चार दिन से संक्रमण का एक भी मामला नहीं आया है. राष्ट्रीय स्तर पर आंकड़े बताते हैं कि कुछ महानगर देश के अन्य कई हिस्सों की तुलना में इस घातक वायरस के प्रकोप को ज्यादा झेल रहे हैं और इनमें से केवल तीन शहरों- मुंबई, दिल्ली और अहमदाबाद में देश के कुल मामलों के एक तिहाई मामले हैं. देश भर में कोविड-19 से मौत के करीब 40 प्रतिशत मामले अकेले इन तीन महानगरों में हैं.


अधिकारियों ने कहा कि शिक्षण संस्थान, शॉपिंग मॉल, धार्मिक स्थल और सार्वजनिक परिवहन के साधन तीन मई के बाद भी बंद रह सकते हैं, लेकिन ग्रीन जोन वाले क्षेत्रों में निजी वाहनों की सीमित आवाजाही की अनुमति दी जा सकती है.


एक अधिकारी ने कहा कि यात्री ट्रेनों और हवाई सेवाओं की अभी जल्द शुरू होने की संभावना नहीं लगती. वहीं सार्वजनिक और सामाजिक कार्यक्रमों पर रोक जारी रहेगी. मई के दूसरे सप्ताह के बाद कुछ स्थानों के बीच सीमित ट्रेन या हवाई सेवाओं के बहाल होने की संभावना है.


अधिकारियों ने कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए रणनीति बनाने के लिहाज से हुई बैठक के बाद सोमवार को कहा कि लॉकडाउन पर अंतिम निर्णय सप्ताहांत में लिया जाएगा.


प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में बातचीत करने वाले नौ मुख्यमंत्रियों में से कम से कम पांच ने लॉकडाउन को तीन मई से आगे बढ़ाने की वकालत की, वहीं कुछ ने कुछ छूट की भी जरूरत बताई.


लॉकडाउन के दूसरे चरण के अंतिम सप्ताह में प्रवेश करते हुए मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोरोना वायरस के खिलाफ देशव्यापी अभियान को जारी रखने के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर भी समान रूप से ध्यान देने को जरूरी बताया.


मुख्यमंत्रियों के साथ इस महामारी पर चौथी वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक में मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि राष्ट्रव्यापी बंद के सकारात्मक परिणाम मिले हैं और देश पिछले डेढ़ महीने में हजारों जानें बचा चुका है.


एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने अब तक दो लॉकडाउन देखे हैं, विभिन्न पहलुओं में दोनों ही अलग है और अब हमें आगे के बारे में सोचना है. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले महीनों में कोरोना वायरस का असर दिखता रहेगा.’’


उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में मास्क और चेहरा ढंकने वाले गमछे लोगों के जीवन का हिस्सा बन जाएंगे. उन्होंने यथासंभव प्रौद्योगिकी के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल पर जोर दिया और सुधार के उपायों को अपनाने की भी जरूरत बताई. हालांकि, उन्होंने आगाह किया कि वायरस का खतरा अभी टला नहीं है और लगातार सतर्कता बहुत जरूरी है.


इस बीच, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने राज्यों से चीन की दो कंपनियों से खरीदी गयीं रैपिड एंटीबॉडी जांच किट का इस्तेमाल बंद करने और उन्हें कंपनियों को वापस भेजने के लिए लौटाने को कहा है.


राजस्थान समेत कुछ राज्यों ने इन किट के परिणाम को लेकर चिंता प्रकट की थी. विपक्षी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग सरकार के लिए रैपिड जांच किट की आपूर्ति करते समय मुनाफाखोरी में संलिप्त हैं.


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शाम को अपने ताजा आंकड़ों में बताया कि रविवार शाम से संक्रमण के मामलों में 1,463 का इजाफा हुआ है. कुल 21,132 मरीजों का इलाज चल रहा है, वहीं 6,361 लोग अब तक इस संक्रमण से उबर चुके हैं. मंत्रालय के मुताबिक एक रोगी विदेश जा चुका है और कुल मामलों में 111 विदेशी नागरिक भी हैं.


हालांकि अनेक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आंकड़ों को संकलित करके तैयार पीटीआई की तालिका के अनुसार रात 10.20 बजे की स्थिति के अनुसार भारत में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 29,268 है. जिनमें मौत के कम से कम 935 मामले हैं. इनमें 6,600 लोगों के ठीक होने की भी बात सामने आई है.


मुंबई से अकेले अब तक 5,589 मामले सामने आए हैं, दिल्ली में आज 190 नये मामलों के साथ अब तक 3,108 संक्रमित मरीज सामने आए हैं. अहमदाबाद में 2,378 मामले आए हैं.


मुंबई में अब तक कम से कम 219 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं अहमदाबाद में 109 लोगों की मौत इस वायरस से हो चुकी है. इन तीन बड़े केंद्रों में इस स्थिति से पूरे देश की आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ा है.


देशभर में मौत के कुल 886 मामलों में से सबसे अधिक 369 मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं. इसके बाद गुजरात में 162, मध्य प्रदेश में 106, दिल्ली में 54, राजस्थान में 50 और उत्तर प्रदेश एवं आंध्र प्रदेश में 31-31 मौतें हुई हैं.


मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में संक्रमण के सबसे अधिक 8,590 मामले महाराष्ट्र में आए हैं. इसके बाद गुजरात में 3,548, दिल्ली में 2,918, राजस्थान में 2,262 मामले हैं. आंध्र प्रदेश में संक्रमण के मामलों की संख्या 1,177 और तेलंगाना में 1,002 हो गई है.


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री से बातचीत के बाद प्रदेश के अधिकारियों को तीन मई के बाद तैयारियों और आर्थिक गतिविधियों के संचालन के लिए योजना बनाने को कहा.


तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने राज्य में कोरोना वायरस की जांच संख्या प्रतिदिन 10,000 करने के लिए केंद्र से और ‘आरटी-पीसीआर’ किट की मांग की.


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