नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर पुराने दिनों की अपनी कहानी बयां की है. उन्होंने आम इंसान की तरह हिमालय पर बिताई गई जिंदगी का जिक्र किया और बताया कि उनका झुकाव राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रति कब हुआ. पीएम मोदी ने बताया कि बतौर प्रचारक उन्होंने आरएसएस के दफ्तर में चाय बनाई और खाना पकाया. यही नहीं बर्तन भी धुले.
'Humans of Bombay' नाम के फेसबुक पेज पर पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने पुराने दिनों की कहानी बयां की है. वह कहते हैं, ''मैं हिमालय से वापस आने के बाद जाना कि मेरी जिंदगी दूसरों की सेवा के लिए बनी है. मैं अहमदाबाद आ गया था. मेरी जिंदगी अलग तरह की थी, मैं पहली बार किसी बड़े शहर में रह रहा था. वहां मैं अपने चाचा की कैंटीन में उनकी कभी कभी मदद करता था.''
वह आगे कहते हैं, ''आखिरकार मैं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का नियमित प्रचारक बन गया. मुझे वहां अलग-अलग क्षेत्रों से संबंध रखने वाले लोगों से बात करने का मौका मिला. मैंने वहां काफी काम किया. वहां सभी की आरएसएस दफ्तर को साफ करने, साथियों के लिए चाय बनाने और खाना पकाने, बर्तन धोने की बारी आती थी.''
पीएम मोदी ने कहा कि जीवन काफी व्यस्त हो चला था. लेकिन मैं हिमालय में मिली शांति को नहीं भूलना चाहता था. इसलिए जिंदगी में संतुलन बनाने के लिए हर साल से पांच दिन निकालकर अकेले में बिताने का फैसला किया. कई लोग यह नहीं जानते हैं कि मैं दिवाली के मौके पर पांच दिनों के लिए ऐसी जगह पर जाता हूं.
उन्होंने कहा, ''इन जगहों में जंगल हो सकती है, जहां साफ पानी हो और लोग न हों. मैं उन पांच दिनों का खाना पैक कर लेता हूं. वहां उस दौरान रेडियो, टीवी, इंटरनेट और न्यूजपेपर नहीं होता है. एकांत उन्हें जिंदगी जीने के लिए मजबूती देता है. लोग मुझसे पूछते हैं आप किससे मिलने जा रहे हैं? मैं उन्हें कहता हूं- मैं मुझसे मिलने जा रहा हूं.''
पीएम मोदी ने कहा, ''यही कारण है कि मैं हमेशा सभी से खासकर युवा दोस्तों से आग्रह करता हूं कि भागदौड़ भरी जिंदगी में से थोड़ा समय निकालकर सोचिए और आत्मनिरीक्षण कीजिए.''