नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में कहा कि हमारा मानना है कि इस क्षेत्र में सबकी सुरक्षा और विकास के लिए मजबूत और उत्तरदायी आसियान जरूरी है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत और आसियान के बीच हर तरह के संपर्क को बढ़ाना हमारे लिए एक प्रमुख प्राथमिकता है.


प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत की हिंद-प्रशांत महासागर पहल और आसियान के हिंद-प्रशांत पर दृष्टिकोण के बीच कई सारी समानताएं हैं. शुरूआत से ही आसियान समूह हमारी ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ की बुनियाद रहा है.”


पीएम मोदी ने कहा कि भारत और आसियान की रणनीतिक भागीदारी हमारी साझा एतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक विरासत पर आधारित है.


प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और आसियान के बीच हर प्रकार की कनेक्टिविटी को बढ़ाना - शारीरिक, आर्थिक, सामाजिक, डिजिटल, फाइनेंशियल, मारीटाइम हमारे लिए एक प्रमुख प्राथमिकता है. पिछले कुछ सालों में हम इन सभी क्षेत्रों में करीब आते गए हैं.


बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वर्चुअली वियतनाम के प्रधानमंत्री न्गुयेन शुआन फुक के साथ 17 वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की. इस शिखर सम्मेलन में सभी दस आसियान सदस्य देशों के नेताओं ने भी हिस्सा लिया.


एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस (आसियान) दस दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों-ब्रुनेई,कंबोडिया,इंडोनेशिया,लाओस,मलेशिया,म्यांमार,फिलीपींस,सिंगापुर,थाइलैंड,वियतनाम, का समूह है, जो आपस में आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करने के लिए भी कार्य करते हैं. इसका मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में है. आसियान की स्थापना 8 अगस्त, 1967 को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में की गई थी.


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