प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (1 दिसंबर, 2025) को संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू होने से पहले विपक्षी नेताओं पर तंज कसा. पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह संसद को चुनावी हार के बाद हताशा निकालने का मंच बना रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि यदि विपक्ष चाहे तो वह राजनीति में सकारात्मकता लाने के कुछ सुझाव देने को तैयार हैं.

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शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले संसद परिसर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सत्र राजनीतिक रंगमंच न बने, बल्कि रचनात्मक और परिणामोन्मुखी बहस का माध्यम बने. उन्होंने कहा, “कुछ समय से हमारी संसद या तो चुनावों के लिए कथित तैयारी की जगह या फिर हार के बाद हताशा निकालने का माध्यम बन गई है.”

बिहार चुनाव में विपक्ष की हार को लेकर बोले पीएम मोदी

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बिहार विधानसभा चुनावों में विपक्ष की करारी हार का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “संसद सत्र हार से उपजी निराशा का युद्धक्षेत्र या विजय के बाद अहंकार का मंच नहीं बनना चाहिए. बिहार में रिकॉर्ड मतदान लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है और विपक्ष को भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए चुनावी हार के बाद के अवसाद से बाहर आना चाहिए.”

उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को दी बधाई

प्रधानमंत्री ने उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को भी राज्यसभा के सभापति के तौर पर पहले सत्र की अध्यक्षता करने के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं. पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संसद के मानसून सत्र की शुरुआत में 21 जुलाई, 2025 को स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हुआ और राधाकृष्णन इस पद पर निर्वाचित हुए. उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं. उच्च सदन के सभापति के तौर पर शीतकालीन सत्र राधाकृष्णन का पहला सत्र है. संसद का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर, 2025 तक चलेगा और इसमें 15 बैठकें निर्धारित हैं, जिसमें केंद्र सरकार 14 विधेयक पेश करने वाली है.

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