नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन बन जाने के बाद हर देशवासी का टीकाकरण किया जाएगा. कोरोना काल में अपने पहले इंटरव्यू के दौरान एक अंग्रेज़ी अख़बार से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश के आखिरी छोर पर मौजूद व्यक्ति तक वैक्सीन पहुंचाने की योजना तैयार की जा रही है.


पीएम मोदी के मुताबिक़ टीकाकरण अभियान की शुरुआत में जिन लोगों को कोरोना का सबसे ज़्यादा ख़तरा है, उन्हें पहले शामिल किया जाएगा. पीएम ने ये भी कहा कि कोरोना के बावजूद 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. पीएम ने कहा कि देश की इकोनॉमी उम्मीद से ज्यादा तेज़ रफ़्तार से पटरी पर लौट रही है.


कोरोना वैक्सीन आएगी तो कैसे मिलेगी ?
प्रधानमंत्री मोदी ने भरोसा दिलाया की सभी को वैक्सीन मिलेगी. उन्होंने कहा, "सबसे पहले मैं देशवासियों को आश्वस्त करता हूं कि जैसे ही वैक्सीन उपलब्ध होती है, सभी देशवासियों को वैक्सीन लगाई जाएगी. कोई भी वैक्सीन से वंचित नहीं रहेगा. जाहिर सी बात है कि वैक्सीन उन्हें पहले लगाई जाएगी, जिन्हें कोरोना से सबसे ज्यादा खतरा है, जैसे हमारे स्वास्थ्यकर्मी. वैक्सीन के डिस्ट्रिब्यूशन के लिए हमने नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप भी बनाया है. हमें ये भी याद रखना है कि अभी भी वैक्सीन की खोज पर काम चल रहा है. ट्रायल हो रहे हैं. अभी एक्सपर्ट इस बारे में कुछ नहीं कह सकते कि वैक्सीन के कितने डोज दिये जाएंगे या वैक्सीन कैसे काम करेगी. जब इन सारी चीजों का अध्ययन एक्सपर्ट कर लेंगे तब हमें वैक्सीन के डिस्ट्रिब्यूशन में भी आसानी होगी."


28,000 से भी ज्यादा चेन प्वाइंट्स तैयार हैं - पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, "आंकड़ों की बात करें तो 28,000 से भी ज्यादा चेन प्वाइंट्स तैयार हैं जो वैक्सीन को स्टोर करेंगे और समाज के आखिरी व्यक्ति तक वैक्सीन को पहुंचाएंगे. प्रदेश के लेवल पर, जिले के लेवल पर और लोकल लेवल पर भी एक विशेष टीम वैक्सीन के डिस्ट्रिब्यूशन के लिए बिल्कुल चरणबद्ध तरीके से काम करेगी. एक डिजीटल प्लेटफॉर्म पर काम हो रहा है, जिसपर वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन, ट्रैकिंग और पहुंच, तीनों का पता चल सकेगा. हमें पूरा भरोसा है कि जैसे ही वैक्सीन तैयार होती है, हम बहुत कम समय में भारत के हर नागरिक तक वैक्सीन पहुंचाने में कामयाब रहेंगे."


कोरोना से लड़ाई पर पीएम मोदी का जवाब
कोरोना से सरकार कैसे लड़ रही है इसको लेकर पीएम मोदी ने कहा, "हमें आजादी मिले सात दशक से भी ज्यादा हो गया लेकिन अभी भी कुछ लोग उस औपनिवेशिक मानसिकता के शिकार हैं, जो समझते हैं कि सरकार और जनता दोनों अलग-अलग हैं. इसी विचारधारा के तहत ये छवि बनाई गई है कि ये आपदा सरकार पर गिरी है. इस महामारी से 130 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं, जिसके खिलाफ सरकार और जनता एक साथ लड़ाई लड़ रही है."


पीएम मोदी ने अन्य देशों का किया ज़िक्र
प्रधानमंत्री ने कहा, "जबसे कोरोना की शुरुआत हुई तबसे दुनिया के कई देशों में बढ़ते मौत के आंकड़े डरा रहे थे. उनकी स्वास्थ्य सेवाएं अचानक मरीजों के बढ़े बोझ से चरमरा रही थीं. युवा और बुजुर्ग दोनों की मौत हो रही थी. उस वक्त हमारा एक ही लक्ष्य था कि भारत में ऐसी परिस्थिति से बचा जाए और लोगों की जिंदगी बचाई जाए. ये वायरस एक अज्ञात दुश्मन की तरह था. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था. जब आप एक अदृश्य दुश्मन से लड़ते हैं, तो उसके खिलाफ एक प्रभावी रणनीति बनाने के लिए थोड़ा वक्त लगता है."


उन्होंने कहा, "हमें 130 करोड़ भारतीयों तक पहुंचना था और उन्हें इस वायरस के खतरे के बारे में बताना था कि कैसे हम अपनी और अपने परिवार के सदस्यों की जान बचा सकते हैं. ये एक बहुत बड़ा चुनौती भरा काम था. जनचेतना को जगाना बेहद महत्वपूर्ण था. जनचेतना को जगाना, जनभागीदारी के तहत ही मुमकिन था. जनता कर्फ्यू के दौरान थाली बजाने, एक साथ दीये जलाने जैसे कदमों को बढ़ावा दिया, जिससे जनभागीदारी बढ़ी और सारे भारतीय एक प्लेटफॉर्म पर आए. बहुत कम वक्त में जनचेतना का ये अविश्वसनीय उदाहरण है."


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