PM Modi in Lakshadweep: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (3 जनवरी) को केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप में 1,156 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. उन्होंने यहां लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद लंबे समय तक इस देश में जिनकी सरकारें रही हैं, उनकी प्राथमिकता अपने दल का विकास रहा है. हमारी सरकार ने समुद्री एरिया का विकास और बार्डर एरिया का विकास किया है. 

पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने हज यात्रियों की सहूलियत के लिए जो प्रयास किया है उसका भी लाभ लक्षद्वीप के लोगों को मिला है. हज यात्रियों के लिए वीजा नियमों को आसान बनाया गया है. हज से जुड़ी ज्यादातर कार्रवाई अब डिजिटल होती है. सरकार ने महिलाओं को बिना महरम हज जाने की भी छूट दी है. इन्हीं सब प्रयासों की वजह से उमराह के लिए जाने वाले भारतीयों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है.

10 सालों में समुद्री इलाकों को प्राथमिकता बनाया गया: पीएम मोदी

लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि लक्षद्वीप भले ही छोटा है, मगर इसका दिल बहुत बड़ा है. मैं यहां मिल रहे प्यार और आशीर्वाद से अभिभूत हूं. मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद दशकों तक केंद्र में रही सरकारों की एकमात्र प्राथमिकता अपने-अपने राजनीतिक दलों का विकास करना था. पिछले 10 वर्षों में हमारी सरकार ने सीमावर्ती इलाकों और समुद्री इलाकों को अपनी प्राथमिकता बनाया है.

लक्षद्वीप में हुए विकास पर की बात

प्रधानमंत्री ने लक्षद्वीप में इंटरनेट कनेक्टविटी को लेकर बात की. उन्होंने कहा कि 2020 में मैंने आपको गारंटी दी थी कि अगले 1000 दिनों के अंदर आपको तेज इंटरनेट की सुविधा मिलेगी. आज कोच्चि-लक्षद्वीप सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया गया है. अब लक्षद्वीप में 100 गुना ज्यादा स्पीड से इंटरनेट मिलेगा. 

उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व समुद्री खाद्य बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और इससे लक्षद्वीप को काफी फायदा हो रहा है. आज लक्षद्वीप की टूना मछली जापान को निर्यात की जा रही है और मछुआरों का कल्याण पूरी तरह सुनिश्चित किया जा रहा है. लक्षद्वीप में समुद्री शैवाल की खेती से जुड़ी संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार लक्षद्वीप के सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध है. यहां मौजूद सोलर पावर प्लांट, जो बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (बीईएसएस) पर आधारित है, एक ऐसा उदाहरण है. खासतौर पर यह लक्षद्वीप का पहली बैटरी आधारित सोलर प्रोजेक्ट है. इस परियोजना से राज्य के समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र पर कम प्रदूषण और कम प्रभाव पड़ेगा.

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