नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘स्वामित्व’ योजना के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए रविवार को प्रॉपर्टी कार्ड बांटने की शुरुआत की और कहा कि यह ग्रामीण भारत को बदलने वाला ऐतिहासिक कदम है. पीएम मोदी ने कहा कि इस पहल से ग्रामीण अपनी जमीन और संपत्ति को वित्तीय पूंजी के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे, जिसके एवज में वे बैंकों से कर्ज और अन्य वित्तीय लाभ उठा सकेंगे.


पीएम मोदी ने कहा कि इससे ग्रामीणों में भूस्वामित्व को लेकर विवाद समाप्त होगा. उन्होंने कहा कि स्वामित्व (ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत तकनीक के साथ गांवों का सर्वेक्षण एवं मानचित्रण) योजना के कई लाभार्थियों से बातचीत की और कहा कि यह देश को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने की दिशा में बड़ा कदम है.


"प्रॉपर्टी कार्ड दिखाकर बैंकों से आसानी से कर्ज़ मिलना सुनिश्चित हुआ"


पीएम ने कहा, "गांव के कितने ही नौजवान हैं जो अपने दम पर कुछ करना चाहते हैं, लेकिन घर होते हुए भी उन्हें, अपने घर के नाम पर बैंक से कर्ज मिलने में कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. स्वामित्व योजना के तहत बने प्रॉपर्टी कार्ड को दिखाकर, बैंकों से बहुत आसानी से कर्ज मिलना सुनिश्चित हुआ."


उन्होंने स्वामित्व योजना की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘दुनियाभर के विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया है कि संपत्ति स्वामित्व अधिकार देश के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं.’’


इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, "दशकों तक गांव के करोड़ों परिवारों के पास अपना घर नहीं था. आज गांव के करीब-करीब 2 करोड़ गरीब परिवारों को पक्के घर मिल चुके हैं." उन्होंने कहा कि दशकों तक गांव का गरीब गैस कनेक्शन से वंचित था. आज गरीब के घर भी गैस कनेक्शन पहुंच गया है.


मोदी ने कहा कि विश्वभर में केवल एक-तिहाई जनसंख्या के पास उनकी संपत्ति का कानूनी रिकॉर्ड है. उन्होंने कहा कि गांवों में रह रहे युवा अब अपनी संपत्तियों के आधार पर बैंकों से ऋण ले सकते हैं और भूमि स्वामित्व के स्पष्ट अधिकार भारत जैसे विकासशील देश के लिए आवश्यक हैं.


"संपत्ति अधिकार युवाओं को आत्मविश्वास देगा"


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संपत्ति अधिकार युवाओं को आत्मविश्वास देंगे, जिससे वे आत्मनिर्भर बनेंगे. इस योजना के लाभार्थी छह राज्यों के 763 गांवों से हैं. इनमें उत्तर प्रदेश के 346, हरियाणा के 221, महाराष्ट्र के 100, मध्य प्रदेश के 44, उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के दो गांव शामिल हैं.


मोदी ने कहा कि उनकी सरकार आगामी तीन-चार साल में हर परिवार को इसी प्रकार के संपत्ति कार्ड मुहैया कराने की कोशिश करेगी.


प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा कि इस कार्यक्रम की शुरुआत में करीब एक लाख संपत्ति मालिक अपनी संपत्ति से जुड़े कार्ड अपने मोबाइल फोन पर प्राप्त एसएमएस लिंक के जरिए डाउनलोड कर सकेंगे. इसके बाद संबंधित राज्य सरकारें संपत्ति कार्डों का भौतिक वितरण करेंगी.


पीएम ने जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख का किया ज़िक्र


प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना की शुरुआत के दौरान जब बोल रहे थे, तो उनके पार्श्व में ‘लोकनायक’ जयप्रकाश नारायण और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक नानाजी देशमुख की तस्वीरें थीं. दोनों की आज जयंती है. प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर गांवों के सशक्तीकरण में दोनों नेताओं के आदर्शों को याद किया.


उन्होंने कहा कि देशमुख ने कहा था कि जब तक गांव के लोग विवादों में घिरे रहेंगे, तब तक वे न तो अपना विकास कर पाएंगे और ना ही समाज के विकास में भूमिका निभा पाएंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि स्वामित्व गांवों में कई विवादों को समाप्त करने का बड़ा माध्यम बनेगा.


मोदी ने कहा कि गांवों में पिछले छह साल में अभूतपूर्व विकास हुआ है, जो इससे पहले के छह दशक में नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि लोगों को बैंक खाता, बिजली कनेक्शन, शौचालयों तक पहुंच, गैस कनेक्शन, पक्का मकान और पेयजल के लिए पाइप कनेक्शन जैसी सुविधाएं मिली हैं.


मोदी ने कहा कि देश के हर गांव को ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन से जोड़ने की बड़ी मुहिम भी तेजी से आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि ‘स्वामित्व’ योजना नगर पालिकाओं और नगर निगमों की तरह ग्राम पंचायतों के लिए गांवों का प्रबंधन व्यवस्थित तरीके से आसान बनाएगी.