PM Mudra Yojana: केंद्र की सरकार समय-समय पर देश के सभी वर्गों के लिए कई विभिन्न योजनाएं लेकर आती है. इन योजनाओं का यह मकसद देश के हर वर्ग के लोगों की मदद करना होता है. इन सबके बीच आजकल नक्काल लोगों को ठगने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. कई लोग इन नक्कालों की बनाई गई चाल में फंस भी जाते हैं, लेकिन ग्राहक या उपभोक्ता थोड़ी सावधानी बरतें तो इससे बच सकते हैं.
दरअसल, सोशल मीडिया पर एक सरकारी लेटर वायरल हो रहा है. यह सरकारी लेटर पीएम मुद्रा योजना से जुड़ा हुआ है, जिसमें दावा किया गया है कि एक लाख तक का पीएम मुद्रा लोन लेने के लिए 1,750 रुपये लोन एग्रीमेंट शुल्क देना होगा. अब इस दावे को पीआईबी ने अपने फैक्ट चेक में फर्जी पाया है.
पीआईबी ने बताई सच्चाई
प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने वायरल हो रहे फर्जी लेटर की सच्चाई बताते हुए ट्वीट किया है. ट्वीट में कहा गया है कि "एक लाख का लोन लेने और इसकी स्वीकृति के लिए आपको 1,750 रुपये लोन एग्रीमेंट शुल्क देना होगा." पीआईबी ने कहा यह फर्जी है और केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने ऐसा कोई लेटर जारी नहीं किया है.
8 अप्रैल, 2015 को शुरू हुई योजना
बता दें कि पीआईबी सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली गलत अफवाहों का फैक्ट चेक करता है कि अमुक पोस्ट सही है या फिर गलत. फैक्ट चेक कर लेने के बाद पीआईबी जनता को सही जानकारी उपलब्ध करवाता है. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना पीएम नरेंद्र मोदी ने 8 अप्रैल, 2015 को लोगों को लोन देने के लिए शुरू की थी. इसमें गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु और सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख तक दिए जाते हैं.
क्या है योजना
केंद्र सरकार लोगों को खुद का कारोबार शुरू करने के लिए पीएम मुद्रा योजना के तहत 50,000 रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का लोन देती है. सरकार इस लोन को कुल तीन कैटेगरी में देती है. पहला शिशु लोन जो 50,000 रुपये तक का लोन होता है. वहीं किशोर लोन 50,000 रुपये से लेकर 5 लाख तक की राशि मिलती है. वहीं तरुण लोन में सरकार 5 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का लोन देती है.
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