प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान शशि थरूर का नाम लिए बिना कांग्रेस पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने ही कुछ नेताओं के बोलने पर पाबंदी लगाई है क्योंकि वो राष्ट्रहित की बात करते हैं. पीएम मोदी का इशारा शशि थरूर और मनीष तिवारी की ओर था क्योंकि ये दोनों ही कांग्रेस सांसद उस डेलीगेशन का हिस्सा थे, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद दुनिया के अलग-अलग देशों में भारत की बात रखने के लिए गए थे. सरकार ने थरूर को चुना, पार्टी रही खामोशभले ही कांग्रेस ने शशि थरूर को विदेश दौरे पर जाने से नहीं रोका, लेकिन सरकार द्वारा उन्हें अमेरिकी दौरे के लिए चुने जाने पर पार्टी में असहजता बढ़ गई. थरूर ने सरकार की विदेश नीति की खुलकर तारीफ की, जिससे पार्टी के साथ उनके रिश्ते और खराब हुए.

संसद में बोलने नहीं दिया गया थरूर कोबहस से पहले यह कयास लगाए जा रहे थे कि थरूर को संसद में बोलने दिया जाएगा या नहीं. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने उनसे पूछा था लेकिन उन्होंने मना कर दिया था. इससे यह सवाल और गहरा गया कि उन्हें बोलने से रोका गया या खुद उन्होंने दूरी बनाई.

थरूर-तिवारी की चुप्पी से कांग्रेस असहजकेरल के तिरुवनंतपुरम से तीन बार के सांसद शशि थरूर 'ऑपरेशन सिंदूर' पर मोदी सरकार के समर्थन में खुलकर सामने आए थे, जबकि पंजाब के आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना से दूरी बनाए रखी. दोनों नेताओं की यह नरम रुख कांग्रेस नेतृत्व को रास नहीं आया, और इसी वजह से लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर हुई बहस के लिए पार्टी ने अपनी वक्ताओं की सूची में इनका नाम शामिल नहीं किया. मनीष तिवारी की पोस्ट से कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना?कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने X पर एक खबर का स्क्रीनशॉट साझा किया, जिसमें बताया गया था कि उन्हें और शशि थरूर को लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बहस के दौरान पार्टी की ओर से बोलने का मौका नहीं मिलेगा. इस पोस्ट के साथ तिवारी ने फिल्म 'पूरब और पश्चिम' के मशहूर गीत की पंक्तियां लिखीं- "है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूं... भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं." उनके इस सांकेतिक संदेश को कांग्रेस नेतृत्व पर अप्रत्यक्ष तंज के रूप में देखा जा रहा है.