नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ओडिशा के कटक में आयकर अपीलीय प्राधिकरण (आईटीएटी) के कार्यालय सह-आवासीय कॉम्प्लेक्स का उद्धाटन किया. इस दौरान पीएम से टैक्स की प्रक्रिया के संबंध में कई बातें कहीं. उन्होंने कहा कि गुलामी के लंबे कालखंड ने करदाता और टैक्स कलेक्टर दोनों के रिश्तों को शोषित और शोषक के रूप में ही विकसित किया हैं.  दुर्भाग्य से आज़ादी के बाद हमारी जो टैक्स व्यवस्था रही उसमें इस छवि को बदलने के लिए जो प्रयास होने चाहिए थे, वो उतने नहीं किए गए.


पीएम ने आगे कहा कि जब बादल बरसते हैं, तो उसका लाभ हम सभी को दिखाई देता है, लेकिन जब बादल बनते हैं, सूर्य पानी को सोखता है, तो उससे किसी को तकलीफ नहीं होती. इसी तरह शासन को भी होना चाहिए. जब आम जन से टैक्स लिया जाए, तो किसी को तकलीफ न हो, लेकिन जब देश का वही पैसा नागरिकों तक पहुंचे, तो लोगों को उसका इस्तेमाल अपने जीवन में महसूस होना चाहिए.


मोदी ने संबोधन के दौरान सरकार की उपलब्धियां गिनाया. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का टैक्सपेयर पूरी टैक्स व्यवस्था में बहुत बड़े बदलाव और पारदर्शिता का साक्षी बन रहा है. अब उसे रिफंड के लिए महीनों इंतजार नहीं करना पड़ता, कुछ ही सप्ताह में उसे रिफंड मिल जाता है, तो उसे पारदर्शिता का अनुभव होता है. उन्होंने कहा कि जब वो देखता है कि विभाग ने खुद पुराने विवाद को सुलझा दिया है, तो उसे पारदर्शिता का अनुभव होता है. जब उसे फेसलैस अपील की सुविधा मिलती है, तब वो टैक्स पारदर्शिता को और ज्यादा महसूस करता है. जब वो देखता है कि इनकम टैक्स कम हो रहा है, तब उसे पारदर्शिता का अनुभव होता है.


पीएम ने पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले की सरकारों के समय शिकायतें होती थीं टैक्स टेररिज्म की. आज देश उसे पीछे छोड़कर टैक्स पारदर्शिता की तरफ बढ़ रहा है. ये बदलाव इसलिए आया है क्योंकि हम रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म की अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं. हम रिफॉर्म कर रहे हैं नियमों में, प्रक्रिया में और इसमें तकनीक की भरपूर मदद ले रहे हैं. हम परफॉर्म कर रहे हैं साफ नीयत के साथ, स्पष्ट इरादों के साथ और हम टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन के माइंडसेट को भी ट्रांसफॉर्म कर रहे हैं. मोदी ने कहा कि आज भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में है जहां टैक्सपेयर के अधिकारों और कर्तव्यों दोनों को कोडिफाई किया गया है,  उनको कानूनी मान्यता दी गई है. टैक्सपेयर और टैक्स कलेक्ट करने वाले के बीच विश्वास बहाली के लिए, पारदर्शिता के लिए, ये बहुत बड़ा कदम रहा है.


देश के वेल्थ क्रिएटर्स की जब मुश्किलें कम होती हैं, उसे सुरक्षा मिलती है, तो उसका विश्वास देश की व्यवस्थाओं पर और ज्यादा बढ़ता है. इसी बढ़ते विश्वास का परिणाम है कि अब ज्यादा से ज्यादा साथी देश के विकास के लिए टैक्स व्यवस्था से जुड़ने के लिए आगे आ रहे हैं. अब सरकार की सोच ये है कि जो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल हो रहा है, उस पर पहले पूरी तरह विश्वास करो. इसी का नतीजा है कि आज देश में जो रिटर्न फाइल होते हैं, उनमें से 99.75 प्रतिशत बिना किसी आपत्ति के स्वीकार कर लिए जाते हैं. ये बहुत बड़ा बदलाव है जो देश के टैक्स सिस्टम में आया है.