नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उत्तराखंड में 4 धामों को जोड़ने की मुहिम शुरु की है. उत्तराखंड के चार धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री को जोड़ने औऱ रास्ते को सुगम बनाने के लिए काम शुरु हो गया है. उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए सड़क योजना का शिलान्यास करने के बाद देहरादून में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने नोटबंदी का विरोध करने वाले लोगों पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी सफाई अभियान है. चारधाम परियोजना में क्या होगा? - उत्तराखंड की चार धाम परियोजना में करीब 900 किलोमीटर के हाइवे बनने हैं. - इस प्रोजेक्ट को बनाने में करीब 12 हजार करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान है. - इन रास्तों पर 132 पुल, 13 बाइपास, और 2 खास टनल बनाए जाएंगे. अब फटाफट ये पढ़िए कि उत्तराखंड के ये चारों धाम जुड़ेंगे कैसे? 900 किलोमीटर की इस परियोजना में कहां कहां हाइवे बनेंगे औऱ किन किन रास्तों को जोड़ा जाएगा इस पर नजर डाल लेते हैं. ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग - 140 किमी. रुद्रप्रयाग से माना - 160 किमी. रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड - 76 किमी. ऋषिकेश से धारासू - 144 किमी. धारासू से यमुनोत्री - 95 किमी. धारासू से गंगोत्री - 124 किमी. टनकपुर से पिथौरागढ़ - 148 किमी. इससे बीजेपी को क्या होगा फायदा? केंद्र में बीजेपी की सरकार आने के कुछ दिन बाद ही इस परियोजना के बारे में कहा गया था. लेकिन इसे अमली जामा पहनाने में ही दो साल लग गए हैं. बीजेपी के लिए ये प्रोजेक्ट अहम क्यों है, ये समझ लीजिए. - उत्तराखंड में अगले साल चुनाव है. इसकी घोषणा आने वाले कुछ दिनों में कभी भी हो सकती है. - चार धाम परिजोजना उत्तराखंड के वोटरों को खींचने में एक बड़ी कड़ी साबित हो सकती है. - मोदी के विकास पुरुष की छवि को भी और बल मिलेगा. - इसके अलावा कांग्रेस को चुनौती देने के लिए ये प्रोजेक्ट चुनाव प्रचार में बड़ा मुद्दा साबित हो सकता है. पीएम मोदी ने इस परियोजना की आधारशिला रखने के बाद देहरादून में नोटबंदी को लेकर विपक्ष पर क्या हमला बोला. इसे इस लिंक में पढ़ें