नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनियाभर में सौर ऊर्जा प्रसार के लिये ‘एक विश्व, एक सूर्य, एक ग्रिड’ का आह्वान करते हुए मंगलवार को कहा कि देश में 2030 तक 40 फीसदी बिजली उत्पादन सौर और पवन जैसे अक्षय ऊर्जा संसाधनों से किया जायेगा. अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की पहली बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, “एक विश्व, एक सूर्य और एक ग्रिड का हमारा सपना है. सूर्य से हर समय बिजली मिलती रहती है क्योंकि यह पृथ्वी के एक हिस्से में अस्त होता है तो दूसरे हिस्से में उदय होता है. पूरी दुनिया में एक साथ सूर्यास्त नहीं होता.”

121 देशों का अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन

उन्होंने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रदूषण फैलाने वाले कोयला की बजाय सौर और पवन ऊर्जा क्षेत्र में व्याप्त संभावनाओं को भुनाने की दिशा में काम कर रहा है. पीएम मोदी ने विश्वास जताया कि 121 देशों का अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईसा) आने वाले समय में विश्व की ऊर्जा जरूरतों के क्षेत्र में वही भूमिका निभाएगा, जो वर्तमान में तेल निर्यातक देशों का संगठन ‘ओपेक’ निभा रहा है.

सौर और पवन ऊर्जा जैसे संसाधनों के इस्तेमाल का वक्त आ गया है- पीएम मोदी

आईसा की पहली बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आने वाले साल में सौर ऊर्जा वैश्विक ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में वही भूमिका निभाएगा, जो पिछले कई दशक से तेल के कुओं द्वारा निभाई जा रही है. उन्होंने कहा कि इंसान पिछले 150-200 साल से अपनी बिजली जरूरतों की पूर्ति के लिए पृथ्वी के भीतर मौजूद संसाधनों पर निर्भर रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब धरती के ऊपर मौजूद सौर और पवन ऊर्जा जैसे संसाधनों के इस्तेमाल का वक्त आ गया है.

प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया भर की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अक्षय ऊर्जा पर जोर देने की हिमायत की. उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र के सभी देशों को आईसा में शामिल करना चाहता है. उन्होंने कहा कि जल्द ही 50 गीगावॉट अतिरिक्त अक्षय ऊर्जा की क्षमता हासिल कर ली जाएगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में जल्द ही कुल ऊर्जा में गैर-हाइ्ड्रो नवीकरणीय ऊर्जा का योगदान 20 प्रतिशत तक होगा.

31 करोड़ एलईडी बल्ब से एक साल में 4,000 करोड़ यूनिट बिजली की बचत- पीएम 

उन्होंने कहा, “यह सौर विनिर्माण में निवेश का सही समय है.” प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक सौर विनिर्माण क्षेत्र में 70 से 80 अरब डॉलर तक के निवेश की संभावनाएं मौजूद हैं. पिछले चार साल के दौरान स्वच्छ ऊर्जा के इस क्षेत्र में 42 अरब डालर का निवेश हुआ है. उन्होंने कहा कि 31 करोड़ एलईडी बल्ब से एक साल में 4,000 करोड़ यूनिट बिजली की बचत हुई जिससे 16,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है.

28 लाख सौर पंप से हर साल 10 गीगावाट बिजली की बचत - प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने कहा कि 28 लाख सौर पंप से हर साल 10 गीगावाट बिजली की बचत हो सकती है. इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भी हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम के साथ ही ‘हिन्द् महासागर तटीय सहयोग संघ’ (आईओआरए) की दूसरी वैश्विक अक्षय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन एवं प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया.गुतारेस ने कहा, “भारत में हम वैश्विक अक्षय ऊर्जा क्रांति देख रहे हैं. इस क्रांति के केंद्र में सौर ऊर्जा है.” विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस मौके पर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अकेले ही भारत को दुनिया के अक्षय ऊर्जा नक्शे में स्थापित कर दिया है.”