PM Modi G7 Summit Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों के अपने दौरे के दूसरे चरण में रविवार (21 मई) को पापुआ न्यू गिनी पहुंचे. पीएम जापान (Japan) से यहां पहुंचे, जहां उन्होंने जी-7 के शिखर सम्मेलन में भाग लिया और दुनिया के कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं. इससे पहले पीएम मोदी ने रविवार को जापान के हिरोशिमा शहर में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन के सत्र में कहा कि वह यूक्रेन (Ukraine) में मौजूदा हालात को राजनीति या अर्थव्यवस्था का नहीं, बल्कि मानवता एवं मानवीय मूल्यों का मुद्दा मानते हैं. 


उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून, सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान के लिए सभी देशों का आह्वान किया. पीएम मोदी ने साथ ही यथास्थिति बदलने के एकतरफा प्रयासों के खिलाफ एक साथ मिलकर आवाज उठाने की पुरजोर वकालत की और कहा कि सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और एक-दूसरे की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए. 


रूस-यूक्रेन युद्ध पर क्या बोले पीएम?


प्रधानमंत्री ने कहा कि संवाद और कूटनीति ही इस संघर्ष के समाधान का एकमात्र रास्ता है. पीएम की ये टिप्पणियां यूक्रेन पर रूसी हमले और पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद की पृष्ठभूमि में आई हैं. पीएम ने अपने संबोधन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से शनिवार को हुई वार्ता का भी जिक्र किया और कहा कि संघर्ष के समाधान के लिए जो भी संभव होगा, वह करेगा.


पीएम की ये टिप्पणी जेलेंस्की की जी-7 समूह की बैठक को संबोधित करने के बाद आई है. जिसमें यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूसी आक्रमण के खिलाफ सुरक्षा प्रयासों में दुनिया के देशों से अपने देश को समर्थन देने की अपील की है. 


"कूटनीति ही एकमात्र रास्ता"


पीएम ने कहा कि आज हमने राष्ट्रपति जेलेंस्की को सुना. कल मेरी उनसे मुलाकात भी हुई थी. मैं वर्तमान परिस्थिति को राजनीति या अर्थव्यवस्था का मुद्दा नहीं मानता. मेरा मानना है कि यह मानवता का मुद्दा है, मानवीय मूल्यों का मुद्दा है. हमने शुरू से कहा है कि संवाद और कूटनीति ही एकमात्र रास्ता है. इस परिस्थिति के समाधान के लिए, भारत से जो कुछ भी बन पड़ेगा, हम यथासंभव प्रयास करेंगे. 


भगवान बुद्ध का किया जिक्र


प्रधानमंत्री ने भगवान बुद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि भारत और जापान में हजारों वर्षों से भगवान बुद्ध का अनुसरण किया जाता है और आधुनिक युग में ऐसी कोई समस्या नहीं है, जिसका समाधान हम बुद्ध की शिक्षाओं में न खोज पाएं. उन्होंने कहा कि भारत का हमेशा यह मत रहा है कि किसी भी तनाव, किसी भी विवाद का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से, बातचीत के जरिये किया जाना चाहिए और अगर कानून से कोई हल निकलता है, उसे मानना चाहिए. 


"विकासशील देशों पर पड़ता है सबसे ज्यादा प्रभाव"


पीएम ने कहा कि इसी भावना से भारत ने बांग्लादेश के साथ अपनी भूमि और नौवहन सीमा विवाद का हल किया था. पीएम ने कहा कि विकासशील देशों के पास सीमित संसाधन हैं और वे ही सबसे अधिक प्रभावित होते हैं. वर्तमान वैश्विक स्थिति के चलते खाद्य, ईंधन और उवर्रक संकट का अधिकतम और सबसे गहरा प्रभाव इन्हीं देशों को भुगतना पड़ रहा है. 


पीएम मोदी अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा के निमंत्रण के बाद जी-7 शिखर सम्मेलन के तीन सत्रों में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को हिरोशिमा पहुंचे थे. जी-7 देशों में जापान, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, इटली और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं. 


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