नई दिल्ली: आज प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से पीएम बनने के बाद अपना पांचवा भाषण दिया. इस सरकार के कार्यकाल का अंतिम भाषण में भी वो अपने आइकॉनिक स्टाइल में संबोधन करते नजर आए. पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को एक कविता सुनाई, जिसके जरिए वो देशवासियों को आगे बढ़ते रहने का संदेश दिया. साथ ही कविता और शेरों से पीएम मोदी लाल किले की प्राचीर पर से भी वो विपक्ष पर हमला करने से नहीं चूके.

अपने मन में एक लक्ष्य लिए मंज़िल अपनी प्रत्यक्ष लिए हम तोड़ रहे हैं जंजीरें हम बदल रहे हैं तस्वीरें ये नवयुग है, नव भारत है खुद लिखेंगे अपनी तकदीरें हम निकल पड़े हैं प्रण करके अपना तन-मन अर्पण करके जिद है एक सूर्य उगाना है अम्बर से ऊँचा जाना है एक भारत नया बनाना है

पीएम मोदी ने अपनी इस कविता से कहीं न कहीं आगामी चुनावों को लेकर अपनी पार्टी के नजरिए का नमूना भी पेश किया. पीएम मोदी ने कविता के माध्यम से संदेश दिया कि अपने मन में उन्होंने और उनकी सरकार ने एक लक्ष्य तय कर लिया है और वह अपने इरादों से देश की छवि को बदलेंगे. उन्होंने संदेश दिया कि वो एक नए भारत की नींव रख रहे हैं.