नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 35वीं बार देश से मन की बात की. प्रधानमंत्री ने हरियाणा में हुई हिंसा पर नाराजगी जाहिर की. प्रधानमंत्री ने कहा कि आस्था के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं होगी.


हिंसा की खबरों से देश का चिंतित होना स्वाभाविक
प्रधानमंत्री ने कहा, "एक तरफ देश उत्सवों में डूबा है और दूसरी तरफ हिन्दुस्तान के किसी कोने से हिंसा की खबरें आतीं हैं तो देश को चिंता होना स्वाभाविक है. ये हमारा देश बुद्ध और गांधी का देश है, देश की एकता के लिए जी जान लगा देने वाले सरदार पटेल का देश है. सदियों से हमारे पूर्वजों ने सार्वजनिक मूल्यों, अहिंसा को, समादर को स्वीकार किया है. ये हमारे जेहन में भरा हुआ है.''


 कानून हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं
प्रधानमंत्री ने कहा, ''मैंने लाल किले से कहा था कि आस्था के नाम पर हिंसा बर्दास्त नहीं होगी. चाहे वो सांप्रदायिक हिंसा हो, चाहे वो विचार धाराओं के प्रति हिंसा हो, चाहे वो व्यक्ति के प्रति हिंसा हो. आस्था के नाम कानून हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है. बाबा साहब ने हमें जो संविधान दिया है उसमें हर व्यक्ति को न्याय पाने की व्यवस्था है.''


हर किसी को कानून के आगे झुकना होगा
प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं देश वासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि कानून हाथ में लेने वाले, हिंसा की राह पर दमन करनेव वाले किसी को भी ये देश और सरकार बर्दाश्त नहीं करेगा. हर किसी को कानून के आगे झुकना होगा, कानून जवाबदेही तय करेगा और दोषियों को सजा देकर रहेगा.''


मन की बात में और क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी

ऐसी स्वच्छता खड़ी कर दें कि गांधी के सपनों वाली 2 अक्टूबर हो जाए
प्रधानमंत्री ने कहा, ''तीन साल पर स्वच्छ भारत अभियान की शुरआत की थी. दो अक्टूबर को इस अभियान को तीन साल हो जाएंगे. इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं. शौचालय की कवरेज 39% से बढ़कर 67% पहुंची है. दो लाख तीस हजार से ज्यादा गांव खुले में शौच से खुद को मुक्त घोषित कर चुके हैं. इस बार 15 सितंबर से ही 'स्वच्छता ही सेवा' मंत्र को घर घर तक पहुंचाएं. मैं सभी से अनुरोध करूंगा कि ऐसी स्वच्छता खड़ी कर दें कि सचमुच में गांधी के सपनों वाली 2 अक्टूबर हो जाए.''

365 दिन में बिना त्योहार के शायद ही कोई दिन हो
मोदी ने कहा, "हमारा देश विविधताओं से भरा है. 365 दिन में से कोई दिन शायद ही बिना त्योहार के गुजरता हो. हमारे त्योहार प्रकृति के बदलाव से जुड़े हुए हैं. जैन समाज को त्योहार की बधाई देता हूं. हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि क्षमा वीरों का आभूषण है. शेक्सपीयर ने मर्चेंट ऑफ वेनिस में भी क्षमा का उल्लेख किया है."

गणेशोत्सव, ओणम और ईद की बधाई दी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा "चारों ओर गणेश चतुर्थी की धूम मची है. बालगांगाधर तिलक ने 125 साल पहले सार्वजनिक गणेशोत्सव की शुरूआत की थी. ये पर्व 10 दिन तक चलता है. सभी देशवासियों को बहुत शुभकामनाएं. केरल में ओणम का त्योहार हो रहा है. हमारे त्योहार लोगों के लिए टूरिज्म का आकर्षण बनते जा रहे हैं. जैसे बंगाल में दुर्गा पूजा देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. इस बीच में देशवासियों को ईद की भी शुभकामनाएं देना चाहूंगा."

खेल से जुड़ें युवा, सिर्फ कंप्यूटर पर नहीं मैदान में भी खेलें
प्रधानमंत्री ने कहा, "29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस है. हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का जन्मदिवस है. खेल के लिए उनका योगदान अतुलनीय है. खेल से जीवन में स्फूर्ति आती है. आजकल ज्यादातर बच्चे कंप्यूटर पर गेम खेलते रहते हैं. आज बच्चे घर में ही खेलते रहते हैं. मैदान में खुले आसमान के नीचे खेलिए. अब तो मांएं कहती हैं कि बेटा तू कब घर से बाहर जाएगा. पहले इसका उल्टा होता था. मां कहती थी- बेटा, तू कब आएगा."