Balasore Accident Report: ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे को लेकर जो रिपोर्ट सामने आई है, उसमें बताया गया है कि गलत सिग्नल सिस्टम के चलते ये भीषण हादसा हुआ. अब इस रिपोर्ट को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. टीएमसी के बाद अब कांग्रेस ने भी सवाल उठाए हैं. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि मोदी सरकार की गलत प्राथमिकताओं के चलते ये हादसा हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री और रेल मंत्री ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने के लिए एक थ्योरी तैयार की थी, जो अब फेल हो चुकी है. 


कांग्रेस नेता ने उठाए सवाल
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्विटर पर लिखा, ये साफ हो चुका है कि प्रधानमंत्री और रेल मंत्री की तरफ से पेश की गई थ्योरी जवाबदेही से बचने और हेडलाइन मैनेजमेंट के लिए किया गया. रेल सेफ्टी कमिश्नर ने अपनी जांच में बताया है कि संबंधित प्रक्रियाओं और प्रणालियों में गंभीर कमियों के कारण बालासोर ट्रेन दुर्घटना हुई. लेकिन आखिर सुन कौन रहा है? वंदे भारत ट्रेनों का उद्घाटन लगातार जार है... मोदी सरकार की गलत प्राथमिकताओं के चलते एक भीषण हादसा हो गया. 


जयराम रमेश ने एक अंग्रेजी न्यूजपेपर में छपे आर्टिकल का जिक्र करते हुए लिखा कि इसमें साफ तौर पर बताया गया है कि जिस ट्रिपल ट्रेन हादसे में करीब 300 लोगों की मौत और 100 से ज्यादा घायल हुए, उसकी जांच में क्या पाया गया है. इसके बाद जयराम रमेश ने अलग-अलग प्वाइंट में इसके कारणों को बताया है. 


1. लोकेशन बॉक्स में वायरिंग में एक खराबी, जिस पर पिछले पांच सालों में सिग्नल और टेलीकॉम (एस&टी) कर्मचारियों की तरफ से ध्यान नहीं दिया गया था.


2. विफलता का पहला स्तर सर्किट की गलत लेबलिंग में था.


3. दूसरा स्तर यह जांचने में असफल होना था कि सर्किट काम कर रहे हैं या नहीं.






जांच रिपोर्ट में ये बात आई सामने
रेलवे संरक्षा आयोग (सीआरएस) की उच्च स्तरीय जांच में पाया गया कि ‘‘गलत सिग्‍नल’ बालासोर में हुए भीषण रेल हादसे का मुख्य कारण बना. जांच में सिग्नलिंग और दूरसंचार (एस ऐंड टी) विभाग में ‘‘ कई स्तर पर खामियों’’ को रेखांकित किया गया है. रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि अगर खामियों से पहले अवगत कराया गया होता तो हादसे को टाला जा सकता था.  रेलवे बोर्ड को सौंपी गई स्वतंत्र जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि सिग्नलिंग कार्य में खामियों के बावजूद, एस एंड टी कर्मचारियों की तरफ से उपचारात्मक कार्रवाई की जा सकती थी, बशर्ते बाहानागा बाजार स्टेशन जहां पर हादसा हुआ था, के प्रबंधक ने दो समानांतर पटरियों को जोड़ने वाले स्विचों के ‘‘बार-बार असामान्य व्यवहार’’ की सूचना दी होती. 


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