संसद के मानसून सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (29 जुलाई, 2025) की शाम को पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भाषण दिया. पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि यह सत्र भारत के विजय उत्सव का सत्र है और भारत के गौरव गान का सत्र है. उन्होंने कहा कि जब मैं विजय उत्सव की बात कर रहा हूं तो यह विजय उत्सव आतंकवाद के हेडक्वार्ट्स को मिट्टी में मिलाने का है, सिंदूर की सौगंध पूरा करने का है. जब मैं विजयोत्सव कह रहा हूं तो यह भारत की सेना के शौर्य और सामर्थ्य का विजय गाथा कह रहा है और भारत के 140 करोड़ जनता की एकता, इच्छाशक्ति और उसके एक अप्रतीम जीत के विजय उत्सव की गाथा कह रहा है. उन्होंने कहा, “मैं इसी विजय भाव के साथ इस सदन में भारत का पक्ष रखने के लिए खड़ा हुआ हूं और जिन्हें भारत का पक्ष नहीं दिखता है, उन्हें मैं आईना दिखाने के लिए खड़ा हुआ हूं.”

धर्म पूछ-पूछकर गोलियां मारी गईं: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में जिस तरह की क्रूर घटना घटी, जिस तरह से आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों का धर्म पूछ-पूछकर उन्हें गोलियां मारीं, ये क्रूरता की पराकाष्ठा थी. यह भारत को हिंसा की आग में झोंकने का सुविचारित प्रयास था. यह भारत में दंगे फैलाने की साजिश थी. लेकिन मैं आज देश का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने पूरी एकता के साथ उस साजिश का नाकाम कर दिया.”

हमारा संकल्प है आतंकियों को मिट्टी में मिला देंगे- पीएम मोदी

उन्होंने कहा, “22 अप्रैल के बाद मैंने सार्वजनिक रूप से और पूरी दुनिया को समझ आए इसलिए अंग्रेजी के वाक्यों का इस्तेमाल करते हुए कहा था कि हमारा संकल्प है कि हम आतंकवादियों को मिट्टी में मिला देंगे और मैंने सार्वजनिक रूप से यह भी कहा था कि सजा आतंकवादियों के आकाओं को भी होगी और कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी.”

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