नई दिल्ली: देशभर में कोरोना संक्रमण के मामलों में उछाल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक की. बैठक में पीएम मोदी के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए. हालांकि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बैठक में शामिल नहीं हुए.


बैठक में पीएम मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्रियों से 'टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट' की रणनीति अपनाने के लिए कहा है. पीएम मोदी ने कहा, 'टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट को लेकर भी हमें उतनी ही गंभीरता की जरूरत है जैसे कि हम पिछले एक साल से करते आ रहे हैं. हर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क को कम से कम समय में ट्रैक करना और RT-PCR टेस्ट रेट 70 प्रतिशत से ऊपर रखना बहुत अहम है.'


पीएम मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें-




  • कोरोना की लड़ाई में वैक्सीन प्रभावी हथियार है. देश में वैक्सीनेशन की गति लगातार बढ़ रही है. हम एक दिन में 30 लाख लोगों को वैक्सीनेट करने के आंकड़े को भी पार कर चुके हैं.

  • हम एक दिन में 30 लाख लोगों को वैक्सीनेट करने के आंकड़े को भी पार कर चुके हैं. लेकिन इसके साथ ही हमें वैक्सीन वेस्टेज होने की समस्या को बहुत गंभीरता से लेना है.

  • हमें छोटे शहरों में टेस्टिंग को बढ़ाना होगा. हमें छोटे शहरों में "रेफरल सिस्टम" और "एम्बुलेंस नेटवर्क" के ऊपर विशेष ध्यान देना होगा.

  • कोरोना की लड़ाई में हम आज जहां तक पहुंचे हैं, उससे आया आत्मविश्वास, लापरवाही में नहीं बदलना चाहिए. हमें जनता को पैनिक मोड में भी नहीं लाना है और परेशानी से मुक्ति भी दिलानी है.

  • कुछ राज्यों में केसों की संख्या बढ़ रही है. देश के 70 जिलों में ये वृद्धि 150 फीसदी से ज्यादा है. हमें कोरोना की इस उभरती हुई 'सेकंड पीक' को तुरंत रोकना होगा. इसके लिए हमें तुरंत और निर्णयात्मक कदम उठाने होंगे.

  • कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई को एक साल से ज्यादा हो रहा है. भारत के लोगों ने कोरोना का जिस प्रकार सामना हो रहा है, उसे लोग उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करते हैं.

  • आज देश में 96 प्रतिशत से ज्यादा मामले रिकवर हो चुके हैं. मृत्यु दर में भी भारत सबसे कम दर वाले देशों में है.

  • कोविड-19 ने सबक सिखाया है कि एक-दूसरे पर निर्भर दुनिया में कोई भी देश वैश्विक आपदा के प्रभाव से बच नहीं सकता है.

  • दुनिया के एक हिस्से में आपदा का प्रभाव, तेजी से पूरी दुनिया में फैल सकता है. वैश्विक प्रणाली का लचीलापन सुनिश्चित करने के लिए सहयोग जरूरी है.


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