Pending Criminal Cases: गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बताया देश के सांसदों, विधायकों और  विधान परिषद सदस्यों के खिलाफ अब तक कुल 4984 केसेज पेंडिंग हैं. वहीं ऐसे मामले में पिछले तीन सालों में 862 वृद्धि हुई है. जबकि 1,899 मामले ऐसे हैं जो करीब पांच साल से ज्यादा पुराने हैं.  सीनियर वकील विजय हंसारिया ने अपने एक ताजा रिपोर्ट में बताया कि दिसंबर 2018 तक सांसदों, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के खिलाफ  कुल लंबित मामले 4,110 थे और अक्टूबर 2020 तक ये 4,859 थे. 


बता दें कि साल 2016 के एक मामले में वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर एक याचिका में रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी, जिसमें कानून निर्माताओं के खिलाफ आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों की स्थापना और दोषी व्यक्तियों को विधायिका और कार्यपालिका से हटाने की मांग की गई थी.


आपराधिक मामलों के निपटारे में तेजी की मांग


वहीं वकील स्नेहा कलिता ने दाखिल एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘चार दिसंबर 2018 के बाद 2,775 मामलों के निस्तारण के बावजूद सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामले 4,122 से बढ़ कर 4984 हो गये. इससे यह पता चलता है संसद और राज्य विधानसभाओं में पहुंचने वाले ज्यादा से ज्यादा लोग आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं. इसलिए यह बेहद जरूरी है कि लंबित आपराधिक मामलों के निपटारे में तेजी लाने के लिए तत्काल और कठोर कदम उठाए जाएं.’’


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