इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस से जासूसी कराने की रिपोर्ट सामने आने के बाद विपक्षी दलों की तरफ से लगातार केन्द्र पर हमला बोला जा रहा है. अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री समेत विरोधी दलों के नेताओं की ओर से इसकी जांच की मांग की जा रही है. सरकार की तरफ से रिपोर्ट्स को खारिज किए जाने के बावजूद विरोधी दलों की तरफ से सवाल किए जा रहे हैं. इस बीच, राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है.


सचिन पायलट ने की जांच की मांग


पायलट ने बुधवार को कहा- लोग जानना चाहते हैं कि किस संस्था या व्यक्ति के माध्यम से अवैध तरीके से फोन हैकिंग किया गया और सूचनाएं बटोरी गईं. कांग्रेस इसे लेकर देशभर में आंदोलन करेगी. कुछ छुपाने को नहीं है तो सरकार को विश्वसनीयता स्थापित करने के लिए जांच करानी चाहिए.


भूपेश बघेल ने पूछा- जासूसी का क्या था उद्देश्य


इधर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार से कहा कि भारत सरकार को बताना चाहिए कि उनकी डील हुई कि नहीं हुई? डील हुई तो किसे हुई? बघेल ने आगे कहा- उन्होंने मंत्रियों, विपक्ष के नेताओं, पत्रकारों और अन्य लोगों की जासूसी कराया. आखिर उनका उद्देश्य क्या था?.


मसीएम बघेल ने कहा कि हमें यह जानकारी मिली थी कि पेगासस कंपनी की तरफ से अधिकारी छत्तीसगढ़ आए थे और कुछ लोगों से संपर्क किया था. इसलिए हमने जांच के लिए कमेटी बनाई है. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को यह बताना चाहिए कि वे कि किनसे मिले थे और किसी तरह की डील हुई थी.


उन्होंने कहा कि एनएसओ ग्रुप की तरफ से यह कहा गया कि उनकी डील सिर्फ सरकार से होती है. ऐसे में भारत सरकार को यह बताना चाहिए कि उन्होंने कोई डील की या नहीं. वे विपक्षी नेताओं, पत्रकारों और यहां तक कि मंत्रियों की जासूसी कर रहे थे. इसका क्या मकसद था? इसकी जांच होनी चाहिए.


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