नई दिल्ली: कांग्रेस ने आज राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के आधीन आने वाले नेशनल सिक्योरिटी काऊंसिल सेक्रेटेरियट के बजट में तीन सौ गुना बढोतरी पर सवाल खड़े किए. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आज पार्टी की प्रेस कांफ्रेंस में इशारों में इस बजट बढोतरी को ताज़ा जासूसी कांड से जोड़ते हुए सवाल किया कि सरकार बताए कि सेक्रेटेरियट का बजट अचानक इतना क्यों बढ़या गया और फंड का इस्तेमाल कहां किया गया.


कांग्रेस ने सवाल उठाया कि क्या सरकार ने पेगासस नाम के जासूसी स्पाईवेयर को खरीदा था या नहीं? पवन खेड़ा ने दावा किया कि यूपीए के वक्त ये बजट 2011 में 17 करोड़ 43 लाख था जो मोदी सरकार आई तो 2014-15 में इसे बढ़ा कर 33 करोड़ कर दिया. लेकिन कांग्रेस के दावों के मुताबिक़ 2017-18 में  नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सेक्रेटेरियट में एक नया हैड डाल दिया गया - साइबर सिक्योरिटी और इसका बजट 33 करोड़ से बढ़ा कर 333 करोड़ कर दिया यानी 300 प्रतिशत बढ़ा दिया गया. 


कांग्रेस का आरोप है कि साइबर सिक्योरिटी रिसर्च का एक हैड पहले से ही MEITY (Ministry of Electronics and Information Technology) के तहत है और उसका अलग बजट है. पवन खेड़ा ने सवाल उठाया कि फिर ऐसे मे सवाल यह उठता है कि सरकार ने फिर से एक नया हैड इसमें क्यों डाला, साइबर सिक्योरिटी रिसर्च एंड डेवलपमेंट के नाम से और 33 करोड़ के बजट को 333 करोड़ रुपए क्यों किया और ये भी 2017-18 में, जब ये जासूसी प्रकरण आरंभ हुआ ? 


कांग्रेस ने इस आधार पर मोदी सरकार पर हमला करते हुए मांग की है कि सरकार बताए कि नैशनल सिक्योरिटी काऊंसिल सेक्रेटेरियट को आवंटित इस 300 गुना ज्यादा बजट का इस्तेमाल आखिर कहां किया गया.