Elections 2024: केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला की कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर विवाद बुधवार (3 अप्रैल) को और बढ़ गया. राजपूत नेताओं ने बीजेपी की ओर से सुलह की कोशिश को खारिज कर दिया और धमकी दी कि अगर पार्टी गुजरात से रूपाला की उम्मीदवारी वापस नहीं लेती है तो वे देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे.

सत्तारूढ़ बीजेपी और क्षत्रिय (राजपूत) नेताओं के बीच हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में कोई सफलता नहीं मिल सकी है, क्योंकि समुदाय के नेता अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. राजपूत नेताओं के साथ बैठक में शामिल होने वाले बीजेपी नेता भूपेन्द्र सिंह चूडास्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हालांकि, रूपाला ने कम से कम चार बार माफी मांगी है, लेकिन राजपूत समुदाय के नेताओं ने कहा कि उनकी एकमात्र मांग रूपाला को चुनावी मैदान से हटाने की है.’’

राजपूतों पर की आपत्तिजनक टिप्पणीगुजरात की राजकोट लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार रूपाला ने यह दावा करके विवाद पैदा कर दिया था कि तत्कालीन 'महाराजाओं' ने विदेशी शासकों और अंग्रेजों के उत्पीड़न के आगे घुटने टेक दिए थे और यहां तक कि अपनी बेटियों की शादी भी उनसे कर दी थी. गुजरात में क्षत्रिय समुदाय ने रूपाला की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताई क्योंकि तत्कालीन राजघरानों में अधिकांश राजपूत थे.

चूडास्मा ने कहा, ‘‘ सभी राजपूत नेताओं ने हमें बताया कि वे राजकोट सीट से रूपाला को हटाने से कम पर सहमत नहीं होंगे. हालांकि, हमने उनसे अपनी मांग पर पुनर्विचार करने और रूपाला को माफ करने का आग्रह किया है क्योंकि वह पहले ही माफी मांग चुके हैं, लेकिन समुदाय के नेताओं ने एक स्वर में हमारे अनुरोध को खारिज कर दिया. वे क्षमा के हमारे अनुरोध को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं.’’

क्या कटेगा परषोत्तम रूपाला का टिकट?उन्होंने कहा कि बीजेपी इस संबंध में फैसला लेगी. राजपूत समन्वय समिति के संयोजक करणसिंह चावड़ा ने रूपाला की उम्मीदवारी वापस नहीं लेने पर लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू करने की धमकी दी.

'देशभर के 22 करोड़ राजपूत करेंगे प्रदर्शन' करणसिंह चावड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारी केवल एक ही मांग है - रूपाला को राजकोट लोकसभा उम्मीदवार के रूप में हटाएं. हमने बीजेपी नेताओं से स्पष्ट रूप से कहा कि राजपूत समुदाय इसके अलावा किसी अन्य समझौते के फॉर्मूले पर सहमत नहीं होगा. अब बीजेपी नेतृत्व को यह तय करना है कि उन्हें रूपाला प्रिय हैं या गुजरात के 75 लाख सहित देश में रहने वाले 22 करोड़ राजपूत.’’

चावड़ा ने कहा, ‘‘अगर रूपाला को नहीं हटाया गया तो हम अपना आंदोलन तेज करेंगे और इसका असर राज्य की सभी 26 सीट पर पड़ेगा. हम पूरे राज्य में बैनर लगाएंगे और राजकोट सीट पर स्वतंत्र उम्मीदवार भी उतारेंगे और हर घर से संपर्क करेंगे. अगर रूपाला को नहीं हटाया गया तो हमारा आंदोलन पूरे गुजरात और भारत में फैल जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि राजपूत संगठन अब बीजेपी के साथ इस मुद्दे पर कोई बैठक नहीं करेंगे.

परषोत्तम रूपाला ने क्या आपत्तिजनक बोला?रूपाला ने 22 मार्च को राजकोट में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि तत्कालीन 'महाराजाओं' ने विदेशी शासकों के साथ-साथ अंग्रेजों के उत्पीड़न के सामने घुटने टेक दिए थे. रूपाला ने कहा कि इन महाराजाओं ने उनके साथ रोटी-बेटी का संबंध रखा. गुजरात में क्षत्रिय समुदाय ने रूपाला के बयान पर आपत्ति जताई.

इसके बाद रूपाला ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली, लेकिन कई राजपूत नेताओं ने उनकी माफी को स्वीकार नहीं किया और बीजेपी से कहा कि उनकी जगह किसी और को उम्मीदवार बनाया जाए, अन्यथा चुनाव में राजपूत मतदाताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है.

ये भी पढ़ें:

Lok Sabha Election 2024: 40 फीसदी मुस्लिम, 20 फीसदी ईसाई, जानें राहुल गांधी की वायनाड सीट का सियासी समीकरण