नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होकर 10 अगस्त तक यानि 18 दिनों तक चलेगा. केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने आज इसकी जानकारी दी. गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई CCPA की बैठक में सत्र की तारीखों पर मुहर लगी. जिसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस संबंध में जानकारी दी गई.
इस सत्र में सरकार पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) को संवैधानिक दर्जा दिलाने वाले विधेयक, तीन तलाक विधेयक, ट्रांसजेंडर बिल को पास कराने की कोशिश करेगी. एनसीबीसी और तीन तलाक बिल को शीतकालीन सत्र में भी पारित कराने की कोशिश की गई थी. लेकिन विभिन्न मुद्दों पर विपक्षों दलों की आपत्तियों की वजह से यह संभव नहीं हो पाया था.
मोदी सरकार के चार साल पूरे हो चुके हैं और उसके पास वायदों को पूरा करने का दबाव है. ऐसे में सरकार की कोशिश होगी की विपक्षी दलों को अहम मुद्दों पर मनाकर बिलों को मंजूरी दिलाए. वहीं विपक्ष पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों, कश्मीर, विदेश नीति जैसे मामलों पर सरकार को घेर सकती है. ऐसे में गतिरोध की स्थिति बनने की उम्मीद है. इसकी बानगी पिछले शीतकालनी सत्र में भी देखने को मिली थी.
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