Parliament Winter Session Highlights: लोकसभा और राज्यसभा एक दिन के लिए स्थगित, कल फिर शुरू होगी कार्यवाही
Parliament Winter Session: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में संविधान पर बहस की शुरुआत की. इसके बाद कई और नेता रखेंगे अपनी बात.
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Parliament Winter Session Updates: संसद के शीतकालीन सत्र के तहत सोमवार को एक बार फिर दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) की कार्यवाही शुरू हुई. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने...More
सदन की कार्यवाही आज समाप्त हो गई. कार्यवाही मंगलवार, 17 दिसंबर को सुबह 11 बजे फिर से शुरू होगी.
कपिल सिब्बल ने कहा, "हमें पूछना चाहिए कि क्या संविधान ने हमें विफल किया है या हमने उन्हें विफल किया है? यह हम सभी की सामूहिक विफलता है कि हम अपने पूर्वजों के सपनों को बनाए रख पाए हैं. क्या हमने सामाजिक न्याय पर काम किया है? जब चुनी हुई सरकारों को पैसे के बल पर गिराया जाता है, तो वहां कौन सा राजनीतिक न्याय है?" राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ सदन की अध्यक्षता कर रहे हैं.
संसद में एक देश, एक चुनाव बिल कल मंगलवार (17 दिसंबर, 2024) को पेश किया जा सकता है. बीजेपी ने तीन लाइन व्हिप लोकसभा के लिए जारी किया है.
कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने बीजेपी पर संवैधानिक मूल्यों को नष्ट करने का आरोप लगाते हुए कहा, "नई भाजपा के शासन में भारत में भय, अविश्वास और विभाजन का माहौल है. सेंट्रल हॉल से लेकर अल्पसंख्यकों तक, भाजपा भय की राजनीति कर रही है. इमारतों से लेकर दुकानों तक को बुलडोजर से गिराने से पीड़ित कौन है? एक समुदाय के लोग. क्या यही संघवाद और धर्मनिरपेक्षता है? आप वास्तव में लोकतांत्रिक चोला पहनकर युद्ध करते हैं, लेकिन आप तानाशाही का हथियार चलाते हैं."
कार्यवाहक अध्यक्ष कृष्ण प्रसाद टेनेटी ने सदन की कार्यवाही को रात 8 बजे तक बढ़ाने की सहमति प्राप्त की. उन्होंने कहा कि लंबित वक्ताओं को समय देने के लिए यह आवश्यक था.
वायनाड से सांसद ने कहा, "सरकार को बांग्लादेश में हिंदू और ईसाई अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए, उनसे बातचीत करनी चाहिए और उनका समर्थन लेना चाहिए."
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसदों ने सोमवार (16 दिसंबर) को दिल्ली में चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन पर चिंता जताई और सरकार से अधिक सहानुभूतिपूर्ण प्रतिक्रिया और किसानों की मांगों, विशेष रूप से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के कार्यान्वयन को तत्काल पूरा करने का आह्वान किया.
डीएमके सांसद तिरुची शिवा राज्यसभा में संविधान पर बहर के दौरान अपना भाषण दे रहे हैं.
मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे कहा कि हमारी सरकार भाजपा से ज्यादा तेजी से महिला आरक्षण लागू करेगी. उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वे आरक्षण के खिलाफ हैं और इसलिए जाति जनगणना के विरद्ध बोलते हैं.
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अतीत में जीते हैं, वह वर्तमान में नहीं जीते. बेहतर होता कि वह लोकतंत्र को मजबूत करने वाली वर्तमान उपलब्धियों को गिनाते. खरगे ने आगे कहा, "बीजेपी देश के लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए 'जुमले' दे रही है और हम पर आरोप लगा रही है. प्रधानमंत्री मोदी को नेहरू की ओर से राज्यों को लिखे गए पत्र को 'तोड़-मरोड़कर' पेश करके लोगों को गुमराह करने के लिए देश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए."
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में बाबरी मस्जिद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा, "पूजा स्थल अधिनियम 1991 धर्मनिरपेक्षता के प्रति प्रतिबद्धता को लागू करने के लिए एक गैर-अपमानजनक दायित्व लागू करता है... हिस्टॉरिकल गलतियों को कानून को अपने हाथ में लेने से ठीक नहीं किया जा सकता." उन्होंने आगे कहा कि भारत में मस्जिदों और दरगाहों के खिलाफ 12 मामले दर्ज किए गए हैं. मोदी सरकार को देश को 1980 और 90 के दशक में नहीं ले जाना चाहिए, जो भारत के लिए बहुत ही काला दौर था.
पीएम मोदी ने संसद और लोगों को फिर गुमराह करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि 1947 से 1952 तक कोई चुनी हुई सरकार नहीं थी, लेकिन दूसरी तरफ कहा कि वे कानूनी संशोधन ला रहे थे. खरगे ने कहा कि मैं पीएम मोदी को याद दिलाना चाहता हूं कि देश की आजादी के लिए जिन्होंने लड़ाई लड़ी उन पर टिप्पणी करने का अधिकार उन्हें नहीं है. खरगे ने आगे कहा कि नेहरू के खिलाफ नफरत में पीएम मोदी इतना आगे निकल गए कि उन्होंने अंतरिम सरकार, संविधान और अपने नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी पर भी सवाल उठा दिया.
मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि झूठ बोलने से बेहतर है कि वह ये बताएं कि 11 साल में देश को और संविधान को मजबूत करने के लिए क्या किया.
मल्लिकार्जुन खरगे ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि जो देश के लिए लड़े नहीं, उनको आजादी और संविधान का महत्व क्या मालूम, जो लोग तब घर छोड़कर चले गए, वो अब देश के लिए जान देने वालों के खिलाफ बोलते हैं.
लोकसभा में कांग्रेस की सांसद प्रियंका गांधी ने बांग्लादेश का मुद्दा उठाया. प्रियंका गांधी ने कहा, आज विजय दिवस है. जिन जांबांजों ने लड़ाई लड़ी, सभी शहीदों को नमन करती हूं. जनता को नमन करती हूं, आज के दिन जो विजय भारत ने पाई, वो उनके बिना नहीं हो सकता था. भारत अकेला खड़ा था. दुनिया ने कोई सुनवाई नहीं की थी. बंगाली भाई बहनों की आवाज कोई नहीं सुन रहा था. इंदिरा गांधी को नमन करना चाहती हूं. देश की महान शहीद हैं. उन्होंने साहस दिखाया, नेतृत्व दिखाया जिससे ये देश विजयी हुआ. वो वसूलों की लड़ाई थी. आज बांग्लादेश में जो अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार हो रहा है, उसके खिलाफ सरकार को आवाज उठानी चाहिए.
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जब संविधान लागू हुआ तब RSS ने इसका विरोध किया था, क्योंकि यह मनुस्मृति पर आधारित नहीं था. न इन्होंने संविधान को स्वीकार किया और न राष्ट्रीय झंडे को माना. पहली बार कोर्ट के आदेश पर मजबूरी में आरएसएस के मुख्यालय पर तिरंगे को फहराना पड़ा.
मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा में बोलते जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी का नाम लेकर निर्मला सीतारमण और बीजेपी नेताओं पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री काफी पढ़ी हैं, अर्थशास्त्र की अच्छी जानकार हैं क्योंकि वह जेएनयू से पढ़ी हैं. यहां से पढ़कर कई लोग प्रोग्रेसिव रहे और देश के विकास में अहम रोल अदा किया है.
मल्लिकार्जुन खरगे ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि जो लोग राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करते हैं, संविधान का अपमान करते हैं. जिस दिन संविधान लागू हुआ उस दिन इन्होंने महात्मा गांधी और भीमराव अंबेडकर का पुतला जलाया, अब वो लोग हमें पाठ पढ़ा रहे हैं.
लोकसभा में प्रियंका गांधी के बाद आजाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर ने भी पशुओं के हमलों का मुद्दा उठाया. उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में मानव-पशु संघर्ष पर चिंता जताई. उन्होंने पूछा कि इन मामलों से कैसे निपटा जा सकता है. पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस पर जवाब दिया कि यह उनके मंत्रालय के मामलों से बाहर है. इस मुद्दे पर संबंधित मंत्रालय से चर्चा की जाएगी.
मल्लिकार्जुन खरगे ने बीजेपी नेताओं पर हमला करते हुए कहा कि वे लोग जेएनयू में पढ़े हुए हैं और हम नगर निगम से पढ़े हुए हैं. उनकी इंग्लिश अच्छी हो सकती है, हिंदी अच्छी हो सकती है, लेकिन करतूत अच्छी नहीं हो सकती.
बांग्लादेश की आजादी का जिक्र करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने इंदिरा गांदी को किया किया. साथ ही उन्होंने मौजूदा हालात को लेकर केंद्र सरकार से ध्यान देने को कहा.
राज्यसभा में संविधान पर बहस के तहत निर्मला सीतारमण ने अपना भाषण खत्म किया. अब राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे बोल रहे हैं.
राज्यसभा में सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस खुद जीएसटी संशोधन पेश करने में विफल रही और अब, जब हम इसे लागू करते हैं, तो वे हंगामा मचाते हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आजादी की 25वीं सालगिरह पर एक टाइम कैप्सूल तैयार किया जिसको लाल किले में दबाया गया. जब सदन में तत्कालीन शिक्षा मंत्री से उस टाइम कैप्सूल में दी गई जानकारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया. तब उन्होंने कहा था कि यह जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती. बाद में हमें ऐसी जानकारी मिली कि उसमें जनसंघ को एक आतंकी संगठन बताया गया है और पूर्व पीएम अटल जी के बारे में बहुत उल्टी सीधी बातें लिखी गई हैं.
राज्यसभा में निर्मला सीतारमण ने कहा, "मैं ऐसे नेताओं को जानती हूं जिन्होंने उन काले दिनों (इमरजेंसी) को याद रखने के लिए अपने बच्चों के नाम मीसा (Maintenance of Internal Security Act/MISA) के नाम पर रखने का फैसला किया था और अब उन्हें उनके साथ गठबंधन करने में भी कोई आपत्ति नहीं है."
प्रियंका गांधी ने लोकसभा में पशुओं के हमलों को लेकर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि वायनाड जिले में जंगली जानवरों के हमले से करीब 90 लोग प्रभावित हुए हैं. उन्होंने जंगली जानवरों के हमले का सामना करने वाले लोगों को दिए जाने वाले मुआवजे के बारे में सवाल उठाया. पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने जवाब दिया कि यह मुद्दा मुख्य मुद्दे से अलग है. वे और उनकी टीम इस मुद्दे का अध्ययन करने के लिए वहां गए हैं. यह मुख्य मुद्दे का हिस्सा नहीं है, लेकिन वह आवश्यक कदम उठाएंगे.
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, "इंडिया गठबंधन के सभी नेता संसद में देश के महत्वपूर्ण मुद्दे उठाएंगे. भाजपा के नेता देश के मुद्दे नहीं उठाएंगे, वे सिर्फ जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का अपमान करेंगे."
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पार्टी वंशवाद की मदद के लिए संविधान में संशोधन करती रही. कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में जो भी संशोधन किए वे लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों की रक्षा के लिए थे.
निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में कहा कि संविधान को अपनाने के एक साल के अंदर ही कांग्रेस ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए पहला संविधान संशोधन किया. उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने मुस्लिम महिलाओं को गुजारा भत्ता पाने के उनके अधिकार से वंचित किया.”
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "...1950 में सुप्रीम कोर्ट ने कम्युनिस्ट पत्रिका "क्रॉस रोड्स" और आरएसएस की पत्रिका "ऑर्गनाइजर" के पक्ष में फैसला सुनाया था, लेकिन जवाब में, तत्कालीन अंतरिम सरकार ने इनकी स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए संविधानमें संशोधन किया."
निर्मला सीतारमण ने इमरजेंसी का जिक्र करके कांग्रेस पर हमला किया. उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने नियमों का उल्लंघन करते हुए कानून बदला और लोकसभा का कार्यकाल 6 साल कर दिया. पूरे विपक्ष को जेल भेज दिया. इसके बाद यह सब बदलाव हुआ. क्या यह सही तरीका था."
निर्मला सीतारमण ने कहा कि कुर्सी को बचाने के लिए अदालत का फैसला आने से पहले कानून में संशोधन करना ही कांग्रेस का चेहरा है. परिवार को बचाने के लिए कई बार संशोधन हुआ है.
निर्मला सीतारमण ने कहा, "न्यायपालिका को दबाने के लिए कांग्रेस ने संविधान में कई संशोधन किए. आज जब कांग्रेस न्यायपालिका की स्वतंत्रता की बात करती है तो हंसी आती है."
निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान का कितना दुरुपयोग किया इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि नेहरू विरोधी कविता के लिए मशहूर गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी और एक्टर बलराज साहनी को जेल जाना पड़ा था.
राज्यसभा में संविधान पर बहस के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा कि विपक्ष और लोगों के विरोध के बाद भी जवाहर लाल नेहरू ने संविधान में किए कई बदलाव. प्रेस की आजादी भी छीनी.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में संविधान पर बहस की शुरुआत की.
लोकसभा और राज्यसभा के आज के सत्र पर कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने कहा, "आज और कल, राज्यसभा में भी संविधान पर बहस होगी. विपक्ष सक्रिय रूप से बहस में भाग लेगा. हमने 75 वर्षों में देश की उपलब्धियों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं. देश ने जो कुछ भी हासिल किया है, वह भारतीय संविधान के माध्यम से ही संभव हुआ है. हम संविधान की विशेषताओं पर प्रकाश डालेंगे."
राज्यसभा में संविधान पर बहस से पहले शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा है कि वर्तमान सरकार भारत के संविधान के खिलाफ काम कर रही है. न्यायपालिका, संसद और भारत के चुनाव आयोग, राजभवन, जिन्हें संविधान का संरक्षक होना चाहिए, उनकी ओर से निभाई जा रही भूमिका राष्ट्र के हित में नहीं है. अगर सरकार लोकसभा चुनाव में 400 से अधिक सीटें जीतती, तो लोकसभा में चर्चा का विषय "संविधान को बदलना क्यों आवश्यक है'' होता. जिस देश में न्यायपालिका और भारत का चुनाव आयोग केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पीएम मोदी के दबाव में काम कर रहा हो, वहां संविधान खतरे में है.
लोकसभा में प्रश्नकाल के तहत सांसद सवाल पूछ रहे हैं.
राज्यसभा के नवनिर्वाचित सांसद अभी शपथ ग्रहण कर रहे हैं.
लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू.
राज्यसभा में संविधान पर होने वाली बहस पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, "संविधान के सभी सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर चर्चा होगी. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने जो सपना देखा था, उसे पंडित जवाहरलाल नेहरू ने हकीकत में बदला... जिस तरह से संवैधानिक पदों का दुरुपयोग हो रहा है, जिस तरह से संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है, जिस तरह से दलितों, पिछड़ों पर अत्याचार हो रहा है, उन्हें संविधान की ओर से दिए गए उनके अधिकार नहीं मिल रहे हैं. ये सारे मुद्दे होंगे, हर मुद्दे पर चर्चा होगी..."
आप सांसद संजय सिंह ने नियम 267 के तहत राज्यसभा में कार्य स्थगन नोटिस दिया और दिल्ली में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा की मांग की.
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