Parliament Monsoon Session LIVE: ''पहले पूछ रहे थे पहलगाम के आतंकियों का क्या हुआ, जब मार गिराया तो...', ऑपरेशन महादेव को लेकर विपक्ष पर बरसे PM मोदी
Parliament Monsoon Session Day 7 Live: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ऑपरेशन महादेव पर कहा, ''मैं आज चिदंबरम जी को कहना चाहता हूं और हमारे पास प्रूफ हैं कि वो तीनों पाकिस्तानी थे.''
बैकग्राउंड
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आज (मंगलवार, 29 जुलाई) लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में जोरदार बहस जारी है. ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा...More
राज्यसभा में कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर समझौते पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि उस दौरान चीन अपने सैन्य उपकरणों का परीक्षण कर रहा था. उन्होंने आरोप लगाया कि "जहां पायलट पाकिस्तानी थे, वहीं विमान चीनी थे, ये एक मिला-जुला मोर्चा है." चिदंबरम ने यह भी कहा कि चीन ने पाकिस्तान की आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की तारीफ की और उसका समर्थन किया. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ वाली टिप्पणी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें उस बयान पर अब गहरा पछतावा होगा.
पीएम मोदी ने कहा - करो इतनी चर्चा और इतनी करो कि दुश्मन दहशत से दहल उठे.
रहे ध्यान बस उतना ही मान सिंदूर और सेना का प्रश्नों में भी अटल रहे.
हमला मां भारती पर हुआ अगर तो प्रचंड प्रहार करना होगा.
दुश्मन कहीं भी बैठा हो हमें भारत के लिए ही जीना होगा.
पीएम मोदी ने कहा कि मैं कांग्रेस से कहना चाहता हूं कि एक परिवार के दवाब वह कांग्रेस को क्लीन चिट देना बंद करे.
पीएम मोदी ने कहा कि आज जो लोग पूछ रहे हैं पीओके को वापस क्यों नहीं लिया, इसका जवाब मांगने वालों को खुद पहले जवाब देना होगा. मैं जब भी नेहरू जी का जिक्र करता हूं तो कांग्रेस का पूरा इकोसिस्टम बिलबिला जाता है.
हम शांति और समृद्धि चाहते हैं लेकिन यह न भूलें कि शांति और समृद्धि का रास्ता शक्ति से ही होकर जाता है. यह छत्रपति शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप, लसित बोर्फकन और राजा सुहेलदेव का देश है. हम विकास और शांति के लिए सामरिक सामर्थ्य पर भी फोकस करते हैं. कांग्रेस के पास नेशनल सिक्योरिटी का विजन न पहले था और आज तो सवाल ही नहीं उठता है. कांग्रेस ने हमेशा से नेशनल सिक्योरिटी पर समझौता किया है.
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा कि पहलगाम के हमलावरों को कल हमारे सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन महादेव में ढेर कर दिया. लेकिन मैं हैरान हूं यहां ठहाके लगाकर पूछा गया कि आखिरकार ये कल ही क्यों हुआ, इन लोगों को क्या हो गया है मुझे समझ नहीं आ रहा है. क्या इस ऑपरेशन के लिए सावन महीने का कोई सोमवार ढूंढ़ा गया था क्या?
पीएम मोदी ने लोकसभा में बताया कि 9 मई को पाकिस्तान ने करीब 1 हजार ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने की कोशिश की. ये मिसाइलें भारत के किसी भी हिस्से पर गिरती तो वहां भयंकर तबाही मचती लेकिन भारत ने आसमान में ही इन्हें चूर-चूर कर दिया.
पीएम मोदी ने कहा कि पहले ये लोग कहते थे कि हमला क्यों नहीं कर रहे अब नया ये शुरू किया है कि हमला रोका क्यों. वाह रे बयानबहादुरों, दुनिया तुम पर हंस रही है. सेना का विरोध सेना के प्रति निगेटिविटी ये कांग्रेस का पुराना रवैया रहा है. देश ने हाल ही में करगिल दिवस मनाया लेकिन देश जानता है कि कांग्रेस ने आजतक कारगिल दिवस को अपनाया नहीं है. इतिहास साक्षी है इस बात का. जब डोकलाम में सेना हमारी शौर्य दिखा रही थी तब कांग्रेस किसके साथ चुपके-चुपके ब्रीफिंग देती थी देश की जनता जानती है. पाकिस्तान के साथ सुर में सुर मिला दिया जाता है. देश हैरान कांग्रेस ने पाकिस्तान को क्लिन चीट दे दी है. उनकी ये हिम्मत पहलगाम के आतंकी पाकिस्तानी थे, इसका सबूत दो। ये क्या कह रहे हो तुम लोग, क्या तरीका है ये. आज जब सबूतों की कोई कमी नहीं है तब ये हालत है अगर सबूत नहीं होते तो ये लोग क्या करते?
पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी उपराष्ट्रपति से कहा था कि अगर पाकिस्तान ने हमला किया तो हम करारा जवाब देंगे. हम गोली का जवाब गोले से देंगे. ये 9 मई की रात की बात है. 9-10 मई को हमने पाकिस्तान की सैन्य शक्ति को तहस नहस कर दिया था. यही हमारा जवाब था और यही हमारा जजबा था. आज पाकिस्तान भी जान चुका है, भारत का हर जवाब पहले से ज्यादा तगड़ा होता है. पाकिस्तान को यह भी पता है कि भविष्य में नौबत आई तो भारत कुछ भी कर सकता है. मैं लोकतंत्र के मंदिर में फिर से दोहराना चाहता हूं, ऑपरेशन सिंदूर जारी है. पाकिस्तान ने दुस्साहस की कल्पना की तो उसे करारा जवाब दिया जाएगा. आज का भारत आत्मविश्वास से भरा हुआ, आज का भारत आत्मनिर्भरता के मंत्री को लेकर के पूरी शक्ति के साथ तेज गति से आगे बढ़ रहा है. देश देख रहा है, भारत आत्मनिर्भर बनता जा रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में किसी भी देश ने भारत को अपनी सुरक्षा में कार्रवाई करने से रोका नहीं है. यूएन के 193 में सिर्फ तीन देशों ने पाकिस्तान के समर्थन में बयान दिया था. क्वॉड, ब्रिक्स, कोई भी देश हो, दुनियाभर से भारत को समर्थन मिला. विदेश नीति पर स्पष्टता से कह रहा हूं, दुनिया का समर्थन तो मिला, लेकिन दुर्भाग्य है कि मेरे देश के वीरों के पराक्रम को कांग्रेस का समर्थन नहीं मिला.
पीएम मोदी ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाकर विपक्ष मीडिया में हेडलाइन ले सकता है, लेकिन देशवासियों के दिलों में जगह नहीं ले सकता.
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने तीन सूत्र तय किए हैं, अगर भारत पर आतंकी हमला हुआ तो हम अपने तरीके से अपनी शर्तों पर अपने समय पर जवाब दे करके रहेंगे. दूसरा कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग अब नहीं चलेगी और तीसरा हम आतंकी सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग अलग नहीं देखेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी दूसरे देश ने भारत को उसकी कार्रवाई करने से नहीं रोका था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "22 अप्रैल को पहलगाम में जो क्रूर घटना घटी, जिस प्रकार आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों से उनका धर्म पूछकर उन्हें गोली मारी, वह क्रूरता की पराकाष्ठा थी. यह भारत को हिंसा की आग में झोंकने का एक सोचा-समझा प्रयास था. यह भारत में दंगे फैलाने की एक साजिश थी. आज मैं देशवासियों का धन्यवाद करता हूं कि देश ने एकजुटता के साथ उस साजिश को नाकाम कर दिया."
पीएम मोदी ने कहा कि सत्र की शुरुआत में ही मीडिया के लोगों से कहा था कि ये सत्र भारत के गौरव गान का है. ये सत्र भारत के विजयोत्सव का है. जब मैं विजयोत्सव कहता हूं, तो यह विजयोत्सव है आतंकियों के ठिकानों को मिट्टी में मिलाने का. सदन में भारत का पक्ष रखने खड़ा हुआ हूं और जिनको भारत का पक्ष नहीं दिखता है, उनको आईना दिखाने भी खड़ा हुआ हूं. देश के 140 करोड़ लोगों के स्वर में स्वर मिलाने के लिए खड़ा हुआ हूं.
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, "...कल मैंने राजनाथ सिंह का भाषण सुना... उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर सुबह 1.05 बजे शुरू हुआ. उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर 22 मिनट तक चला. फिर उन्होंने सबसे चौंकाने वाली बात कही-1.35 बजे हमने पाकिस्तान को फोन करके बताया कि हमने असैन्य ठिकानों पर हमला किया है और हम तनाव नहीं बढ़ाना चाहते...शायद उन्हें समझ नहीं आ रहा कि उन्होंने क्या खुलासा किया है..."
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा, एक नया शब्द चला है. न्यू नॉर्मल. भाषण में विदेश मंत्री ने कहा कि सारे-सारे के देशों ने आतंकवाद को निंदा की है. मगर उन्होंने ये नहीं बताया कि पहलगाम के बाद एक भी देश ने पाकिस्तान की निंदा नहीं की है. विदेश मंत्री कहते हैं कि हमने पाकिस्तान को रोक दिया है, लेकिन पाकिस्तान के सेना प्रमुख ट्रंप के साथ लंच कर रहे हैं. राहुल गांधी ने कहा कि भारत सरकार ने गलती की है. हमारी किसी से लड़ाई हुई है और हम उससे कहें कि भैया अब ठीक है, हम लड़ाई नहीं चाहते. हमने आपको एक थप्पड़ मारा है, दूसरा थप्पड़ नहीं मारेंगे. गलती सेना की नहीं, सरकार की थी.
राहुल गांधी ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ने 29 बार दावा किया है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उन्होंने सीजफायर करवाया. अगर पीएम मोदी के पास इंदिरा गांधी की हिम्मत के जैसी 50 फीसदी भी हिम्मत है तो वह कह दें कि ट्रंप झूठ बोल रहा है.
लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा कि इस सदन में बैठे सभी लोगों ने पाकिस्तान की निंदा की. ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत से पहले विपक्ष ने सरकार के साथ खड़े रहने का फैसला किया. हम एक साथ खड़े रहे. पहलगाम के बाद मैं करनाल में नरवाल जी के घर गया. उनके बेटे नेवी में थे, वो सीआरपीएफ में थे. मुझे ऐसा लगा कि मैं अपने परिवार के साथ बैठा हुआ हूं. उन्होंने अपने बैठे का एल्बम दिखाया. उसके बारे में बताया. उन्होंने परिवार के बारे में मुझे बताया. उन्होंने आगे कहा कि देश की सेना को पूरा प्रयोग करने के लिए राजनीतिक इच्छा और ऑपरेशन की खुली छूट देने की जरूरत होती है.
केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा, 'पाकिस्तान ने जो दुस्साहस किया, भारत की सेना ने उसे कड़े शब्दों में मुंहतोड़ जवाब दिया. केवल 22 मिनट के अंदर 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया. आतंकियों ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि भारत ऐसी कार्रवाई करेगा. 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए. दशकों से जो आतंकी पाकिस्तान में बैठकर भारत के खिलाफ साजिश करते थे वो सब अल्लाह को प्यारे हो गए. विपक्ष जो सवाल उठा रहा था कि जिन आतंकियों ने पहलगाम में हमला किया, उनका क्या हुआ. मैं आपको बता रही हूं कि ऑपरेशन महादेव में वो सभी मारे गए.'
लोकसभा में कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, "अगर आप पर्यटकों को कश्मीर घूमने के लिए बुला रहे हैं, तो क्या उन्हें सुरक्षा मुहैया कराना आपका प्राथमिक कर्तव्य नहीं है?... हम मानते हैं कि इस घटना (पहलगाम) के लिए आतंकवादी जिम्मेदार हैं. इसके पीछे पाकिस्तान का हाथ है. लेकिन 26 लोगों की कीमती जान आतंकवादियों को किसने दी? आपकी अज्ञानता."
लोकसभा में सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा, "22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला भारत की सुरक्षा के लिए एक बड़ा झटका था. एक तरफ सरकार कह रही थी कि कश्मीर में सब कुछ सामान्य है. वहीं दूसरी तरफ, सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा की क़ीमत पर कश्मीर में सामान्य स्थिति का आभास देने की कोशिश कर रही थी. पहलगाम की घटना इसी का नतीजा है. मैं सरकार से पूछती हूं कि यह घटना क्यों हुई?...क्या एक भारतीय की जान की कोई कीमत नहीं है? यह सरकार इस घटना के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है. उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी और जवाबदेही तय करनी होगी. जब यह घटना हुई, उस समय अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत में थे. जब भी ऐसे वीआईपी मेहमान भारत में होते हैं, कश्मीर घाटी में सुरक्षा बढ़ा दी जाती है. लेकिन इस बार नाकामी... पर्यटक आपकी बातों पर भरोसा करके, यह मानकर कश्मीर जा रहे थे कि वे सुरक्षित हैं..."
राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बीच तीखी नोकझोंक हो गई. नड्डा ने खरगे के प्रधानमंत्री पर दिए बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि वे भावावेश में संतुलन खो बैठे हैं. इस पर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया, जिसके बाद नड्डा ने अपने शब्द वापस लेते हुए माफी मांगी, लेकिन खरगे ने नाराजगी जताते हुए कहा कि मुझे ‘मेंटल’ कहा गया, मैं इसे नहीं छोड़ूंगा. सदन में माहौल तनावपूर्ण हो गया.
खरगे ने पहलगाम हमले को लेकर सवाल उठाया कि आखिर आतंकी वहां तक पहुंचे कैसे? क्या यह गृह मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के भीतर सभी नंबर 1 और 2 से डरते हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी ली, लेकिन क्या यह गृह मंत्री को बचाने की रणनीति थी? जब सुरक्षा व्यवस्था विफल रही तो जिम्मेदारी तय क्यों नहीं की जा रही?
कांग्रेस नेता खरगे ने कहा कि उन्हें सेना पर गर्व है और उन्होंने सेना की बहादुरी को सलाम किया, लेकिन सरकार जिम्मेदारी से भाग रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “ये पहाड़ खोदकर चूहा निकालने वाले हैं.” साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि तीन आतंकी मारे गए, लेकिन बाकी कहां छिपे हैं? विपक्ष की चिट्ठियों को कूड़े में फेंक दिया जाता है, और जब सर्वदलीय बैठक बुलाई गई तो प्रधानमंत्री उसमें शामिल तक नहीं हुए.
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सदन में हिंदी भाषा के विरोध का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा अब 20-30 मिनट तक बंगाली में भाषण होता रहा किसी भी तमिलनाडु के सांसद ने इतनी चिल्लाकर बात नहीं की. उनको हिंदी से क्या दिक्कत है? हमें तमिल से दिकक्त नहीं है, तमिल महान भाषा है. तमिल का सम्मान करते हैं. फिर इन लोगों को हिंदी से क्या दिक्कत है. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस की यही मानसिकता है और उसके सभी सहयोगी पार्टियों की यही मानसिकता है. उनको उत्तर भारतियों से दिकक्त है. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि हिंदी बोलना इस देश के लिए गुनाह हो गया है, एक दिन ऐसा होगा पूरा का पूरा देश इंग्लैंड हो जाएगा. ये लोग अंग्रेजों के गुलाम हो जाएंगे.
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, "मोदी जी के पाकिस्तान बिरयानी खाने जाने से पहले मैं पाकिस्तान गया था. मुझे नहीं पता कि उन्होंने (अमित शाह) यह बात क्यों उठाई. शायद अमित शाह जी बेहतर स्थिति में होते और बताते कि बीसीसीआई भारत-पाकिस्तान मैच पर जोर क्यों दे रहा है. उन्हें इस बात की ज्यादा जानकारी होती कि भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच क्यों हो रहे हैं. आज मौजूदा सरकार की नाकामियों को स्वीकार करने का समय था. इसके बजाय, वे अतीत में चले गए और अमित शाह जी अपनी नाकामियों को भारतीय सशस्त्र बलों के पराक्रम और देशभक्ति के पीछे छिपाना चाहते थे. गृह मंत्री को जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए थी और नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी. उन्हें पहलगाम की नाकामियों के लिए 'राजधर्म' के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए था."
कल्याण से शिवसेना सांसद श्रीकांत एकनाथ शिंदे ने संसद में कहा कि पहलगाम हमले में जान गंवाने वालों में तीन लोग उनके संसदीय क्षेत्र से थे और उन्होंने उनके परिवारों की आंखों में अपनों को खोने का गहरा दर्द साफ देखा. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कल कुछ लोगों ने ऑपरेशन सिंदूर को ‘तमाशा’ कहा, जबकि असली तमाशा तो तब था जब आपके गृह मंत्री एक फिल्म डायरेक्टर को लेकर होटल ताज पहुंच गए थे, वो भी आतंकी हमले के बाद. शिंदे ने आगे कहा कि आज जब कुछ लोग अमेरिका के सामने घुटने टेकने की बात कर रहे हैं, तो उनसे पूछा जाना चाहिए कि भोपाल गैस त्रासदी के दोषी को देश से भगाने वाला कौन था, जिसमें साढ़े तीन हजार निर्दोषों की जान गई थी.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लोकसभा में दिए गए बयान पर भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब ने कहा, "विभाजन एक ऐतिहासिक तथ्य है, और हम सभी जानते हैं कि उस दौरान कांग्रेस पार्टी ने भारत के विभाजन को स्वीकार किया था... केंद्रीय गृह मंत्री ने जो कुछ भी कहा वह एक ऐतिहासिक तथ्य है..."
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "केंद्रीय गृह मंत्री ने आज मेरी मां के आंसुओं के बारे में बात की. मैं इसका जवाब देना चाहती हूं. मेरी मां के आंसू तब बहे थे जब आतंकवादियों ने मेरे पिता को मार डाला था. आज, जब मैं उन 26 लोगों (पहलगाम हमले के पीड़ितों) के बारे में बात करती हूं, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं उनका दर्द समझती हूं."
प्रियंका गांधी ने आसिम मुनीर के पाकिस्तान दौरे का जिक्र किया. उन्होंने कहा, ''हमारी कूटनीति फेल हुई है. पाकिस्तानी सेना का जनरल, जिसके हाथ खून से रंगे है, वह अमेरिका में जाकर लंच करता है. अगर ऑपरेशन सिंदूर का मकसद पाकिस्तान को सबक सिखाना है तो यह फेल हुआ है.''
प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा, ''देश का नेतृत्व सिर्फ उपलब्धियों का श्रेय लेने से मजबूत नहीं होता है. यह सोने का नहीं कांटों का ताज है.''
प्रियंका गांधी ने कहा, ''देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ, जंग होते-होते ही रुक गई. इस रुकावट का ऐलान हमारी सरकार या सेना नहीं करती बल्कि अमेरिका के राष्ट्रपति करते हैं. यह हमारे प्रधानमंत्री महोदय की गैरजिम्मेदारी का सबसे बड़ा प्रतीक है.''
प्रियंका गांधी ने कहा, ''आज देश खोखले भाषण नहीं सुनना चाहता, वह सब कुछ जानना चाहता है. वह जानना चाहता है कि 22 अप्रैल को क्या हुआ था, लेकिन आप (सत्तापक्ष) तो अपनी ही पीठ थपथपाने में लगे हैं.''
प्रियंका गांधी ने कहा, ''भारत ने सरकार ने टीआरएफ को 2023 में आतंकवादी संगठन का दर्ज दिया. ये पहली ही हमले कर चुके थे. टीआरएफ ने भारत में 2020 से कुल 41 हमले किए. पाकिस्तान में हमले की प्लानिंग बनी, लेकिन हमें पता ही नहीं चला. यह हमारे एजेंसियों की असफलता है.''
प्रियंका गांधी ने कहा, ''बैसारण घाटी का रास्ता आसान नहीं है. जंगल और पहाड़ों के बीच से जाना पड़ता है. वहां कई परिवार पहुंचे. मौसम सुहाना था. शुभम द्विवेदी की पत्नी ने कहा, जब आतंकियों ने चुन-चुन कर मारा, तब एक भी सुरक्षाकर्मी नहीं दिखा.''
प्रियंका गांधी ने कहा, ''22 अप्रैल 2025 को जब 26 लोगों को अपने परिवार के सदस्यों के सामने मारा गया, तब यह हमला कैसे हुआ. हमारी सरकार कह रही थी कि कश्मीर में आतंकवाद खत्म हो गया है.''
प्रियंका गांधी ने कहा, ''मैं उन सभी जवानों और अफसरों को नमन करना चाहती हूं जो हमारे देश की रक्षा करते हैं. वे हर पल देश के लिए अपनी जान देने के लिए तैयार हैं. 1948 से लेकर अब तक हमारे देश की अखंडता की रक्षा करने में उनका बड़ा योगदान है.''
अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा, ''सीजफायर के बाद भी ड्रोन आ रहे थे, सरकार को यह भी स्वीकार करना पड़ेगा. सरकार ने किसके दबाव में सीजफायर किया?''
अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल में बने हाईवे की तारीफ की. उन्होंने कहा, ''सबसे पहले समाजवादी पार्टी ने सड़कों पर एयरक्राफ्ट उतरवाने का काम करवाया था.''
अखिलेश यादव ने कहा, ''हम युद्ध नहीं चाहते हैं, लेकिन सीमा पर शांति रहे. जिन एयरक्राफ्ट की नींबू और मिर्च लगाकर पूजा की गई थी, वो कितने उड़े थे. हमें पूरी एयरफोर्स पर गर्व है.''
अखिलेश यादव ने कहा, ''चीन समय-समय पर हमारी जमीन छीन रहा है और वह हमारा बाजार भी छीनने की कोशिश कर रहा है. अगर हमें पाकिस्तान से खतरा है तो चीन राक्षस है.''
अखिलेश यादव ने कहा, ''ये पता लगाना चाहिए कि पाकिस्तान की मदद कौनसा देश कर रहा है. हमें चीन से उतना ही खतरा है, जितना की आतंकवाद से.''
अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसा. उन्होंने कहा, ''यह भाजपा के लिए है. मैं दुनिया को मानने में लगा हूं, मेरा घर मुझसे रूठा जा रहा है.''
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा, "सबसे बड़ा सवाल यह है कि सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी कौन लेगा? जो सरकार दावा करती है कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद कोई आतंकवादी घटना नहीं होगी."
अखिलेश ने कहा, ''कुछ लोग कहते थे कि हमें छह महीने का मौका मिल जाए तो पीओके पर कब्जा कर लेंगे. मैं ये पूछना चाहता हूं कि सीजफायर क्यों करना पड़ा.''
अखिलेश यादव ने कहा, ''हमारी सेना ने न सिर्फ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया, बल्कि उनके एयरबेस पर भी अटैक किया. हम पाकिस्तान को पाठ पढ़ा सकते थे, जिससे वे दोबारा हिम्मत नहीं करते.''
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ''मैं भारतीय सेना के प्रति आभार जताता हूं. दुनिया की सबसे साहसिक सेनाओं की गिनती में हमारी सेना सबसे आगे है. हमें हमारी सेना पर गर्व है.''
अमित शाह ने आतंकवाद के मसले पर कांग्रेस को घेरते हुए कहा, ''2004 से 2014 तक देश में अखंड सोनिया- मनमोहन सिंह की सरकार थी और 2014 से अब तक देश में अखंड रूप से नरेन्द्र मोदी जी की सरकार है. 2004 से 2014 तक कश्मीर में 7,217 आतंकी घटनाएं हुई थी.''
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "पाकिस्तान कांग्रेस की गलती है. अगर उन्होंने विभाजन स्वीकार नहीं किया होता, तो आज पाकिस्तान नहीं होता."
अमित शाह ने आतंकियों को चेतावनी देते हुए कहा, ''अगर कोई आतंकी भारत की सीमा में घुस गया तो वह बचेगा नहीं, वह या तो गिरफ्तार होगा या फिर मारा जाएगा. इन्हें (विपक्ष) सीमा की कठिनाई के बारे में नहीं पता है.''
अमित शाह ने कहा, ''1971 में पूरे देश ने इंदिरा जी का समर्थन किया था. उन्होंने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए, ये भारत की बहुत बड़ी विजय थी, इस पर पूरा भारत गर्व करता है, हम भी करते हैं. उस समय 93 हजार युद्धबंदी और 15 हजार वर्ग किमी क्षेत्र हमारे कब्जे में था. मगर शिमला समझौता हुआ, तो ये PoK मांगना ही भूल गए. अगर उस समय PoK मांग लेते, तो न रहता बांस न बजती बांसुरी. इन्होंने PoK तो नहीं लिया, उल्टा 15 हजार वर्ग किमी की जीती हुई भूमि भी वापस दे दी.''
अमित शाह ने कहा, ''उरी में हमला हुआ, हमने सर्जिकल स्ट्राइक किया. पुलवामा में हमला हुआ, तो हमने एयर स्ट्राइक किया और पहलगाम में हमला किया, तो हमने 100 किमी अंदर जाकर 9 अड्डों और 100 से ज्यादा आतंकियों को समाप्त कर दिया.''
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, ''ये (विपक्ष) कल पूछ रहे थे कि पहलगाम हमले के दोषी कहां गए? अभी जो 10 नाम मैंने पढ़े हैं, इसमें से 8 वो थे, जिन्होंने चिदंबरम एंड कंपनी के समय आतंकी घटनाएं की. उन्हें नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में अब मारा गया है. आपके समय में जो छुप गए थे, उनको चुन-चुनकर हमारी सेना ने समाप्त कर दिया है.''
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, ''ये (विपक्ष) कल पूछ रहे थे कि पहलगाम हमले के दोषी कहां गए? अभी जो 10 नाम मैंने पढ़े हैं, इसमें से 8 वो थे, जिन्होंने चिदंबरम एंड कंपनी के समय आतंकी घटनाएं की. उन्हें नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में अब मारा गया है. आपके समय में जो छुप गए थे, उनको चुन-चुनकर हमारी सेना ने समाप्त कर दिया है.''
अमित शाह ने कहा, ''कल यहां ढेर सारे सवाल उठाए गए. कल रक्षा मंत्री जी ने बहुत बारिकी से ऑपरेशन सिंदूर की सफलता, जरूरत, प्रासंगिकता और इसके परिणाम सदन के माध्यम से पूरे देश की जनता के सामने रखा, लेकिन इन्होंने (विपक्ष) ने फिर भी बहुत सवाल किए, अब सवाल किए हैं, तो मुझे जवाब भी देना पड़ेगा और इनको सुनना भी पड़ेगा.''
अमित शाह ने कहा, "30 अप्रैल को CCS की बैठक हुई थी, जिसमें सुरक्षाबलों को पूरी तरह से ऑपरेशनल आजादी दी गई थी. ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को शुरू किया गया और 1:04 बजे से 1:24 बजे के बीच चलाया गया. इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया. इस हमले में कोई भी पाकिस्तानी नागरिक नहीं मारा गया."
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "पाकिस्तान के डीजीएमओ ने हमारे पास फोन किया, तब हमने संघर्ष को विराम दिया."
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, ''पाकिस्तान पूरी दुनिया में कहता है कि उसका आतंकियों से कोई कनेक्शन नहीं है, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के दूसरे दिन पाकिस्तान में आतंकियों का जनाजा निकला. इसमें पाकिस्तानी सेना और पुलिस के अधिकारी शामिल हुए. ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को एक्सपोज कर दिया.''
अमित शाह ने कहा, ''हमने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के डीजीएमओ को जानकारी दे थी. हमने सिर्फ आतंकी ठिकानों पर हमला किया है. हमारे पास आत्मरक्षा का अधिकार है.''
अमित शाह ने कहा, ''मुझे बहुत दुख हुआ कि कल इस देश के पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम जी ने सवाल उठाया कि क्या सबूत है कि ये आतंकी पाकिस्तान से आए थे. वे क्या कहना चाहते हैं? किसे बचाना चाहते हैं? पाकिस्तान को बचाकर आपको क्या मिलेगा?''
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, "कल वे (कांग्रेस) हमसे पूछ रहे थे कि आतंकवादी कहां से आए और इसके लिए कौन जिम्मेदार है. बेशक, यह हमारी जिम्मेदारी है क्योंकि हम सत्ता में हैं.''
अमित शाह ने कहा, "NIA ने उन्हें शरण देने वालों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. उन्हें खाना पहुंचाने वालों को हिरासत में लिया था. जब आतंकवादियों के शव श्रीनगर पहुंचे, तो उनकी पहचान पहलगाम में आतंकी हमला करने वाले तीन लोगों के रूप में हुई. आतंकी हमले के कारतूसों की FSL रिपोर्ट पहले से ही तैयार थी. कल तीनों आतंकवादियों की राइफलें जब्त कर ली गईं और उनका FSL रिपोर्ट से मिलान किया गया. कल चंडीगढ़ में आगे की जांच की गई, उसके बाद पुष्टि हुई कि ये तीनों वही थे जिन्होंने आतंकी हमला किया था."
अमित शाह ने कहा, ''22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 लोग मारे गए. मैं उसी वक्त श्रीनगर जाने के लिए निकल गया. हमने सुरक्षबलों की मीटिंग की, जिससे ये आतंकी भाग न पाएं.''
अमित शाह ने कहा, ''हमले में तीन पाकिस्तानी आतंकी थी. आतंकियों को पनाह देने वाले लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. आतंकियों के पास से जो चॉकलेट मिली है, वह पाकिस्तान में बनी थी.''
अमित शाह ने ऑपरेशन महादेव पर कहा, "ऑपरेशन महादेव में सुलेमान उर्फ फैजल, अफगान और जिबरान, ये तीनों आतंकवादी भारतीय सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में मारे गए. सुलेमान लश्कर-ए-तैयबा का ए-श्रेणी का कमांडर था. अफगान लश्कर-ए-तैयबा का ए-श्रेणी का आतंकवादी था. और जिबरान भी ए-ग्रेड का आतंकवादी था. बैसरन घाटी में जिन्होंने हमारे नागरिकों को मारा था, वह ये तीनों आतंकवादी थे और तीनों मारे गए."
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, "कल के ऑपरेशन में तीनों आतंकवादी - सुलेमान, अफगान और जिबरान मारे गए. जो लोग उन्हें खाना पहुंचाते थे, उन्हें पहले ही हिरासत में ले लिया गया था. जब इन आतंकवादियों के शव श्रीनगर लाए गए, तो हमारी एजेंसियों द्वारा हिरासत में रखे गए लोगों ने उनकी पहचान की."
अमित शाह ने कहा, ''मुझे लगा जब यह सूचना पक्ष और विपक्ष के लोग सुनेंगे तो खुश हो जाएंगे, लेकिन इनके (विपक्ष) के चेहरे पर स्याही पड़ गई. आतंकवादी मारे गए, क्या इस बात से खुशी नहीं है. आप आतंकवादियों का धर्म देखकर दुखी नहीं हों.''
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, "एक संयुक्त ऑपरेशन महादेव में, भारतीय सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल तीन आतंकवादियों को मार गिराया है."
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की जो नृशंस हत्या की गई, धर्म पूछकर उन्हें उनके परिवार के सामने मारा गया, बड़ी बर्बरता के साथ यह हत्याएं की गई, मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं और जो मारे गए हैं उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं."
राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई है. संसद का मॉनसून सत्र अभी तक हंगामे से भरा रहा है. विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर और SIR को लेकर सरकार को घेरा है.
INDIA गठबंधन ने SIR के खिलाफ आज फिर संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. कांग्रेस ने एक्स पोस्ट में लिखा, ''SIR के खिलाफ ये संघर्ष नहीं रुकेगा, BJP को लोकतंत्र की हत्या नहीं करने देंगे.''
भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा, ''अगर कांग्रेस को लगता है कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा गंभीर है तो राहुल गांधी को मौजूद रहना चाहिए था, वे चर्चा शुरू होने पर ही वहां थे, जब राजनाथ सिंह, गौरव गोगोई बोले, उसके बाद वे सदन में आए ही नहीं, रात के 1 बजे तक चर्चा चलती रही। इससे साफ है कि राहुल गांधी और उनकी पार्टी सिर्फ चर्चा में व्यवधान पैदा करना चाहते हैं.''
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है. उन्होंने लिखा, ''है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूं. भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं.'' दरअसल मनीष तिवारी को ऑपरेशन सिंदूर पर पार्टी की तरफ से बोलने का मौका नहीं मिला था. उन्होंने इसको लेकर नाराजगी जाहिर की है.
संसद के मॉनसून सत्र का आज (मंगलवार, 29 जुलाई) सातवां दिन है. संसद में एक बार फिर से ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होगी.
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