16 दिसंबर 2025 को संसद परिसर में एक बड़ा हादसा टल गया. राजस्थान के कोटा शहर से आए नंद किशोर शर्मा नाम के व्यक्ति अचानक बेहोश होकर गिर पड़े. वह संसद भवन घूमने आए थे. तभी मौजूद सिक्योरिटी ने उनकी जान बचाकर अस्पताल भेज दिया.

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स्टाफ ने CPR देकर जान बचाई

नंद किशोर के बेहोश होते ही वहां तैनात संसद स्टाफ फौरन हरकत में आ गय. एक जवान ने उन्हें कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) देना शुरू कर दिया. नंद किशोर को होश आया और वह थोड़ा स्थिर होने लगे. कुछ देर बाद एम्बुलेंस आई और नंद किशोर को अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है.

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सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो

इस घटना का वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए हैं. वीडियो में साफ दिख रहा है कि स्टाफ ने कैसे फौरन उनकी मदद की. हालांकि, अभी तक किसी अधिकारी या डॉक्टर की तरफ से इस पर कोई बयान नहीं आया है. लेकिन संसद की सुरक्षा और स्टाफ की सतर्कता की वजह से एक जान बच गई.

CPR क्या है और इससे जान कैसे बचती है?

CPR  एक ऐसी इमरजेंसी लाइफ सेविंग प्रोसिजर है, जो तब की जाती है, जब हृदय की धड़कन रुक जाती है. CPR किसी व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट से बचने में मदद कर सकता है. भले ही आपको CPR देना न आता हो, आप सिर्फ अपने हाथों का इस्तेमाल करके किसी व्यक्ति की मदद कर सकते हैं. इसके लिए आपको तुरंत एक्शन लेने की जरूरत है.

बेहोश होने के तीन मिनट के अंदर CPR देना शुरू कर देना चाहिए. अगर इससे लेट हो गया तो ब्रेन डेड हो जाता है. तीन मिनट के बाद CPR देने से अगर हार्ट वापस काम भी करने लगा तो भी व्यक्ति कोमा में चला जाएगा. उसका कोई फायदा नहीं है. इसलिए जितनी जल्दी CPR दिया जाएगा, उतनी ही बेहतर रिकवरी होगी.

CPR सिर्फ कार्डियक अरेस्ट में देना होता है. हार्ट अटैक के लिए CPR नहीं देना होता है क्योंकि हमारा ब्लड प्रेशर मेनटेन हो रहा है, हार्ट बीट चल रही है, तब भी हार्ट अटैक हो जाता है.