संसद में गुरुवार को अमेरिका से डिपोर्ट किए गए अवैध भारतीय प्रवासियों का मुद्दा छाया रहा. विदेश मंत्री ने इस मामले में सरकार की ओर से जवाब भी दिया. इसके अलावा चीन से जुड़े हुए एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी संसद में सवाल पूछा गया था, जिसका केंद्र सरकार की ओर से जवाब आया है.
दरअसल केंद्र सरकार से पूछा गया था कि चीन ने तिब्बत क्षेत्र में यारलुंग सांगपो (ब्रह्मपुत्र के ऊपरी हिस्से) के निचले हिस्से पर एक विशाल बांध परियोजना को मंजूरी देने की घोषणा की है. विदेश मंत्रालय से पूछा गया था कि क्या भारत और बांग्लादेश में बहने वाली ब्रह्मपुत्र नदी पर जलविद्युत बांध बनाने के चीन के फैसले से निचले इलाकों में रहने वाले लाखों लोगों पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव के बारे में चिंताएं पैदा हुई हैं.
चीन ने तिब्बत में बांध परियोजना को दी मंजूरी
इसका जवाब देते हुए केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, "भारत सरकार ने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में यारलुंग सांगपो नदी के निचले हिस्से पर एक विशाल बांध परियोजना को मंजूरी देने की चीन की घोषणा पर संज्ञान लिया है."
विदेश राज्य मंत्री बोले- सरकार ने लिया संज्ञान
विदेश राज्य मंत्री ने गुरुवार को संसद में कहा, "सीमा पार नदियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चीन के साथ 'संस्थागत विशेषज्ञ स्तरीय तंत्र' के तहत चर्चा की जाती है, जिसे 2006 में स्थापित किया गया था, साथ ही राजनयिक माध्यम से भी चर्चा की जाती है."
बता दें कि विपक्ष लगातार आरोप लगाता रहा है कि चीन ने भारत की कई कई हजार किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है. हालांकि केंद्र सरकार की ओर से ऐसे आरोपों को खारिज कर दिया गए. ऐसे में सरकार की ओर से दिए गए इस सवाल के जवाब में स्पष्ट है कि सरकार, चीन के सामने इस पर आपत्ति जता सकती है.