दिल्ली में कक्षा 10वीं और 12वीं के स्कूलों को 18 जनवरी से ही खोलने की इजाज़त दी जा चुकी हैं. बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए इन दोनों कक्षाओं को खोलने की प्राथमिकता दी गई थी.
हालांकि कोरोना वायरस महामारी से संबंधित सावधानियां बरतना स्कूल खोलने हेतु सबसे अहम नियम है. बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोलने जाने के महज दो हफ्ते के भीतर ही कक्षा 9 और कक्षा 11 के लिए भी दिल्ली के स्कूलों के दरवाजे खोल दिए गए थे. लेकिन गौरतलब है कि अब भी प्राइमरी कक्षा से लेकर 8वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल अब भी बंद हैं.
गरीब अभिभावकों के साथ बड़ा धोखा- आर. सी जैन
फिलहाल कोरोना वायरस के बढ़ रहे केसे और आंकड़ों को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि छोटे बच्चों के लिए स्कूल खोलने का विचार कब तक किया जाएगा. लेकिन अभिभावक अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर बेहद चिंतित हैं. दिल्ली की निजी स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष आर. सी जैन कहते हैं कि, “दिल्ली में दिल्ली सरकार द्वारा नर्सरी से आठवीं कक्षा के लिए अभी तक स्कूल नहीं खोले गए हैं जिस कारण दिल्ली के गरीब अभिभावकों के साथ बड़ा धोखा है क्योंकि मोबाइल फोन ना होने के कारण, या बिजली ना होने के कारण, या परिवार में ऑनलाइन क्लास की जानकारी ना होने के कारण बच्चे पिछले शिक्षा सत्र में पीछे रह गए थे.”
कई अभिभावकों ने अपने बच्चों का नाम स्कूल से कटवाया- आर. सी जैन
उन्होंने कहा कि, “कई परिवारों ने अपने बच्चों का नाम तक स्कूल से कटवा लिया है या शहर छोड़ कर गांव, देहात चले गए है. अब जब कोरोना वायरस के आंकड़ों में कमी आई है और लोगों में महामारी को लेकर भय भी कम हुआ है तो ऐसे में गरीब बच्चों को स्कूल से दूर रखना उचित नहीं है"
दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन का दावा है कि, “उन्होंने पिछले 10 दिनों में दिल्ली के अलग-अलग स्कूलों के अभिभावकों से बात कर के जनमत तैयार किया है जिसमें अभिभावक अपनी मांगों को मनवाने के लिए 20 मार्च को सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर प्रदर्शन करेंगे.”
यह भी पढ़ें.
सर्वे: देश में 75 फीसदी लोगों की राय- 18 साल से बड़े सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन लगे