नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम दर्शन के लिए पाकिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका और नेपाल के वरिष्ठ नेता भारत पहुंच रहे हैं. वाजपेयी का आज शाम चार बजे यमुना किनारे राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर अंतिम संस्कार किया जाएगा. फिलहाल पूर्व प्रधानमंत्री का शव बीजेपी मुख्यालय में रखा गया है जहां आम और खास लोग दर्शन कर रहे हैं.

पाकिस्तान से कार्यवाहक कानून मंत्री अली जफर भारत आ रहे हैं. आपको बता दें कि वाजपेयी भारत-पाकिस्तान बातचीत के पक्षधर रहे थे और इस दिशा में उन्होंने कई कदम उठाए. जिसमें लाहौर बस यात्रा और आगरा समिट प्रमुख है. वाजपेयी के निधन पर पाकिस्तान के भावी प्रधानमंत्री इमरान खान ने शोक प्रकट किया है. खान ने एक बयान में कहा कि वाजपेयी उप महाद्वीप के प्रमुख राजनीतिक शख्सियत थे और उनके निधन से एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है. उन्होंने कहा, “मैं दुख की इस घड़ी में भारत के लोगों के प्रति सहानुभूति प्रकट करता हूं.”

वाजपेयी के अतिम दर्शन के लिए भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, नेपाल के विदेश मंत्री पीके गयाल और बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल हसन मोहम्मद अली भारत पहुंच चुके हैं.

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वाजपेयी 3 बार प्रधानमंत्री रहे. वह पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार सिर्फ 13 दिनों तक ही चल पाई थी. वाजपेयी 1998 में वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, तब उनकी सरकार 13 महीने तक चली थी. 1999 में वाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने और पांच सालों का कार्यकाल पूरा किया. इस दौरान उन्होंने पड़ोसी देशों से रिश्ता मजबूत करने के लिए कई कोशिश की.

वाजपेयी में विदेश नीति मुद्दे की विशिष्ट योग्यता थी और तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने उन्हें संयुक्त राष्ट्र मानवधिकार कांफ्रेंस में पाकिस्तान के कश्मीर अभियान का जवाब देने के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करने के लिए चुना था.

93 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री को मूत्र मार्ग में संक्रमण की वजह से 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था. उन्होंने कल शाम 5:05 बजे अंतिम सांस ली.

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