SCO Supreme Court Meeting: सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार (10 मार्च) से रविवार (12 मार्च) तक शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों की शीर्ष अदालतों के मुख्य न्यायाधीशों की 18वीं बैठक की मेजबानी करेगा. इस बैठक का मकसद सदस्य राष्ट्रों के बीच न्यायिक सहयोग विकसित करना है.
पाकिस्तान हालांकि एससीओ का सदस्य है, लेकिन पड़ोसी देश से बैठक में कोई प्रतिनिधिमंडल शामिल नहीं होगा. इस पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम एससीओ के सक्रिय सदस्य है, लेकिन अपरिहार्य कारणों की वजह से हमारे मुख्य न्यायाधीश की बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगे. उन्होंने खेद जताते हुए कहा कि 10 से 12 मार्च के बीच पाकिस्तान के चीफ जस्टिस की पहले से कोई मीटिंग है.
क्या चर्चा हो सकती है?कोर्ट ने जारी एक प्रेस बयान के अनुसार, एससीओ सदस्य देशों के सर्वोच्च न्यायालय के अध्यक्षों या प्रधान न्यायाधीशों को बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है. इसमें कहा गया कि बैठक में ‘स्मार्ट कोर्ट’ और न्यायपालिका के भविष्य; ‘न्याय तक पहुंच’ को सुगम बनाना; न्यायपालिका के सामने संस्थागत चुनौतियां: विलंब, बुनियादी ढांचा, प्रतिनिधित्व और पारदर्शिता पर चर्चा होने की संभावना है.
'लोकप्रिय हो रही है'विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस दौरान सदस्य/पर्यवेक्षक राष्ट्रों के प्रधान न्यायाधीशों/अध्यक्षों/न्यायाधीशों और एससीओ सचिवालय के प्रतिनिधियों के साथ एक संयुक्त चर्चा होगी और एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर के साथ इसका समापन होगा. बयान में कहा गया है, “शंघाई सहयोग संगठन की सक्रिय और लगातार बढ़ती गतिविधियों में, शीर्ष न्यायिक उदाहरणों की चर्चा अत्यधिक लोकप्रिय हो रही है. ”
सुप्रीम कोर्ट के प्रेस बयान में कहा गया है कि बैठक में भारतीय पक्ष से चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ सहित अन्य शामिल होंगे.