नई दिल्ली: पाकिस्तान सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत को आक्रामक रुख बरकरार रखना पड़ेगा यानी पाकिस्तान को सर्जिकल स्ट्राइक की ही तरह एक बड़ी सर्जरी की जरूरत है.


शहीद आयुष यादव के पिता अरुणकांत यादव का कहना है, ‘’सरकार को पॉलिसी सुधारनी पड़ेगी, नहीं तो जवान ऐसे ही शहीद होते रहेंगे.  सरकार हर बार कहती है कि एक्शन लिया जाएगा लेकिन ठोस कार्रवाई कभी नहीं होती.’’


भारत का पाक को करारा जवाब, पुंछ हमले में शामिल पोस्ट को तबाह किया- सूत्र


पाकिस्तान का इलाज क्या है?


कुपवाड़ा में पाकिस्तान से आए आतंकियों का मुकाबला करते कैप्टन आयुष यादव शहीद हो गए. ऐसी हर शहादत के बाद सरकार की नीतियों को लेकर सवाल उठता है. पाकिस्तान पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग उठती है. सवाल है कि पाकिस्तान का इलाज क्या है.


भारतीय सैनिकों पर घात लगाकर हमला करने के लिए कुख्यात है 'BAT'


पिछले साल सितंबर में जिस तरह भारत ने पीओके में घुसकर पाकिस्तान को सबक सिखाया था, उसे पाकिस्तान अब तक नहीं भूल पाया है. पाकिस्तान उस सर्जिकल स्ट्राइक का सीधा जवाब देने की हिम्मत नहीं रखता है, इसीलिए वो इस तरह की कायराना हरकत कर रहा है. ऐसे में जरूरी है पाकिस्तान को एक बार फिर वैसी हो चोट दी जाए.


पूर्व गृह सचिव आर के सिंह का कहना है, ‘’इसका जवाब एक ही है, उनके पोस्ट पर भी हमला किया जाए. उनकी पेट्रोलिंग पार्टी पर भी हमला किया जाए. उतनी ही संख्या में बल्कि उनसे ज्यादा संख्या में पाकिस्तानी सैनिकों को मारा जाए.’’


....तो BAT ने पूरी तैयारी के साथ भारतीय सीमा में दाखिल होकर हमारे जवानों को निशाना बनाया!


आतंकी शिविरों का सफाया


भारत में घुसकर हमला करने वाले पाकिस्तानी आतंकियों को पाकिस्तानी सेना का पूरा समर्थन मिलता है. सीमा के पास ही आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप चलते हैं और मौका मिलते ही ये आतंकवादी भारत में घुस जाते हैं. जानकारों के मुताबिक भारत को इन शिविरों को निशाना बनाना चाहिए.


1971 की तरह सबक


आतंकियों जैसी क्रूर पाकिस्तान की BAT का इलाज करो!


1971 में भारत ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे. तभी बांग्लादेश का जन्म हुआ था. लेकिन तब भी पाकिस्तान ने सबक नहीं सीखा. अभी भी पाकिस्तान के खिलाफ उसकी जमीन से आवाजें उठ रही हैं. चाहे बलूचिस्तान हो या गिलगिट, वहां की जनता पाकिस्तान से आजादी चाहती है. खुद प्रधानमंत्री मोदी इस बात का जिक्र कर चुके हैं.


सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दुनिया भर के देश भारत के साथ खड़े थे. यानी जरूरत है कि पाकिस्तान को पूरी दुनिया के सामने बेनकाब करते हुए उस पर और ज्यादा अंतरराष्ठ्रीय दबाव बनाया जाए. प्रधानमंत्री मोदी यूएन से लेकर सार्क तक और ब्रिक्स से लेकर बिम्सटेक जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर दुनिया के देशों को पाकिस्तान का सच बता चुके हैं. पाकिस्तान को पूरी तरह अलग थलग करने का अब वक्त आ गया है.