Holi Celebration at Prahladpuri Temple Pakistan: पाकिस्तान के हिंदू संगठनों ने मुल्तान स्थित प्राचीन प्रह्लादपुरी मंदिर में होली उत्सव के दौरान सुरक्षा और सरकारी सहायता की मांग की है. दरअसल, यह मंदिर हिंदू देवता नरसिंह को समर्पित है. माना जाता है कि यहीं से होली के त्योहार की शुरुआत हुई थी. वर्तमान में यह जर्जर अवस्था में है और हिंदू श्रद्धालुओं को यहां पूजा करने के लिए भी अनुमति लेनी पड़ती है.
अखिल पाकिस्तान हिंदू अधिकार आंदोलन के अध्यक्ष हारून सरब दियाल ने मंगलवार (11 मार्च,2025 ) को इस संबंध में सरकार से आग्रह किया कि वह मंदिर में 14 से 16 मार्च तक होली मनाने के लिए पाकिस्तानी हिंदुओं के लिए सुरक्षा और आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करें. मंदिर की दुर्दशा सुधारने और उसे हिंदू समुदाय को सौंपने पर विचार किया जाए.
पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों की स्थिति और धार्मिक स्वतंत्रता पर सवालहारून सरब दियाल ने पाकिस्तान में हिंदू समुदाय के साथ हो रहे व्यवहार पर चिंता जताई और कहा कि हिंदुओं को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है. दियाल ने कहा, "पाकिस्तानी हिंदू होने के नाते हमें पूजा करने और अपनी सांस्कृतिक परंपराओं को मनाने के संवैधानिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है."
हिंदू समुदाय की प्रमुख समस्याएं:पाकिस्तान के कई हिंदू मंदिर जर्जर हो चुके हैं. श्रद्धालुओं को अपने ही धार्मिक स्थलों पर पूजा करने के लिए सरकार की अनुमति लेनी पड़ती है. हिंदू त्योहारों के दौरान समुदाय असुरक्षित महसूस करता है.
ऐतिहासिक प्रह्लादपुरी मंदिर का धार्मिक महत्वदरअसल,यह मंदिर होलिका दहन और होली उत्सव से जुड़ा हुआ है. हिंदू मान्यता के अनुसार, प्रह्लाद ने यहीं पर भगवान नरसिंह की आराधना की थी. मुगल और ब्रिटिश काल के दौरान मंदिर को कई बार नुकसान पहुंचाया गया. विभाजन के बाद से यह मंदिर उपेक्षा और दुर्दशा का शिकार है. मंदिर का अधिकांश भाग खंडहर में तब्दील हो चुका है. पाकिस्तान सरकार की नीतियों के कारण इसे हिंदू समुदाय के लिए पुनः खोलने में कठिनाई हो रही है.
हिंदू संगठनों की चेतावनीहारून सरब दियाल ने स्पष्ट किया कि यदि होली उत्सव के दौरान सुरक्षा नहीं दी गई, तो हम अपने संवैधानिक और नैतिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए हर उपलब्ध मंच पर अपनी आवाज उठाने के लिए मजबूर होंगे."