नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में पुलवामा आतंकी हमले को लेकर भारत के दबाव के बाद पाकिस्तान ने आतंकी मसूद अजहर पर शिकंजा कस दिया है. पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने पर कार्रवाई की गई है. बताया जा रहा है यहां स्थित जैश मुख्यालय को पाकिस्तान सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद मुख्यालय पर ये कार्रवाई की है. बहावलपुर में मदरसातुल साबिर और जामा-ए-मस्जिद सुभानल्ला में एक परिसर को सरकार ने अपने नियंत्रण में ले लिया है. आतंकी मसूद अजहर जैश-ए-मोहम्मद का चीफ है. पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ही ली थी.
दरअसल, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक दिन पहले बयान जारी कर पुलवामा हमले को जघन्य और कायराना बताया था और इस हमले की कड़ी निंदा की थी. साथ ही जोर देकर कहा कि इस तरह की हरकतों को अंजाम देने वालों और धन मुहैया करने वालों को न्याय के दायरे में लाया जाए.
पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने बहावलपुर में दो परिसरों को अपने नियंत्रण में लिया है और उसके कामकाज को देखने के लिए अपना एक प्रशासक नियुक्त किया है. बहावलपुर लाहौर से 400 किमी दूर है. गृह मंत्रालय के एक बयान में यह कहा गया है कि जैश पर कार्रवाई बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा कमेटी की बैठक में लिए गए फैसले की तर्ज पर की गई. बयान में कहा गया है कि दोनों परिसरों में फिलहाल 70 शिक्षक और 600 छात्र हैं.बता दें कि 14 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद डार ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला कर दिया था. आदिल ने जवानों की गाड़ी से बारूद से भरी अपनी गाड़ी को टकरा दिया था. जिसके बाद गाड़ी के परखच्चे उड़ गए और इसमें बैठे 40 जवान शहीद हो गए.
कौन है मसूद अजहर?
मसूद अजहर का जन्म पाकिस्तान के बहावलपुर में हुआ. उसकी पढ़ाई कराची के जामिया उलूम उल इस्लामिया में हुई और वह हरकत-उल-अंसार से जुड़ गया. और यहीं से उसने आतंकी गतिविधियां शुरू की.
वह 1994 के करीब श्रीनगर आ गया. उसे उसी साल फरवरी में गिरफ्तार कर लिया गया और जेल में डाल दिया गया. आतंकियों ने मसूद अजहर को छुड़ाने की कोशिश शुरू की. 1995 में जम्मू-कश्मीर से कुछ विदेशी पर्यटकों को अगवा कर लिया गया. आतंकियों ने पर्यटकों को छोड़ने के बदल मसूद अजहर को जेल से रिहा करने की मांग शुरू की. लेकिन आतंकियों की चंगूल से एक विदेशी पर्यटक फरार हो गया. बाद में आतंकियों ने सभी पर्यटकों की हत्या कर दी.
इसके बाद 1999 में आतंकी मसूद अजहर को छुड़वाने में कामयाब रहे. दरअसल, दिसंबर 1999 में काठमांडू एयरपोर्ट से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, नई दिल्ली जाने वाली भारतीय विमान IC814 को आतंकियों ने हाईजैक कर लिया और विमान को लेकर अफगानिस्तान के कंधार चले गए.
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