करतारपुरः पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने करतारपुर गुरुद्वारे का रख-रखाव पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से छीन कर ETPB यानी Evacuee Trust Property Board को दे दिया है. भारत के लिए सबसे बड़ी चिंता कि बात ये है कि इस बोर्ड की "प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट" में कुल 9 सदस्य हैं, लेकिन उनमें एक भी सिख समुदाय से नहीं है.

ETPB पर है ISI का नियंत्रण गौर करने वाली बात ये है कि प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट में तैनात सभी 9 सदस्य ETPB से ताल्लुक रखते हैं और पाकिस्तान में ETPB को ISI पूरे तरीके से कंट्रोल करती है. यानी अब करतारपुर गुरुद्वारे का रख रखाव आईएसआई की निगरानी में होगा. मो. तारिक़ खान को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट का सीईओ बनाया गया है.

व्यावसायिक इस्तेमाल का इरादा एबीपी न्यूज के पास पाकिस्तान सरकार के इस फैसले की कापी है जिसमें यह भी कहा गया है कि गुरुद्वारे का रख-रखाव करने वाला प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट इस संबंध में एक प्रोजेक्ट बिज़नेस प्लान को लागू करेगा. यानी इमरान खान सरकार आस्था के स्थल को व्यावसायिक स्थल में बदलने का इरादा रखती है.

करतारपुर गलियारे को खोलने से पहले ही पाक ने साफ कर दिया था कि वो हर श्रद्धालु से 20 डॉलर सर्विस फीस वसूलने का इरादा रखता है. पाकिस्तान इस गलियारे से हर साल 258 करोड़ रुपए कमाने का इरादा रखता था. भारत ने कई बार पाकिस्तान से इस पर विरोध जताया था लेकिन पाक इस पर सहमत नहीं हुआ.

कोरोना के कारण फिलहाल बंद है करतारपुर कॉरिडोर फिलहाल कोरोना महामारी के चलते करतारपुर कॉरिडोर बंद है. भारत ने कहा है कि इसे खोलने का फैसला पाबंदियों में ढील होने के बाद सही समय पर लिया जाएगा. 30 नवंबर को गुरु नानक देव जी की 551वीं जयंती है, जिसके लिए पाकिस्तान ने सिख श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया है, वहीं भारत के सामने भी पाक ने करतारपुर कॉरिडोर को खोलने का प्रस्ताव रखा है.

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