Pakistan On Dharm Sansad: धार्मिक शख्सियतों के बड़बोले और बेतुके बयान भारत के लिए जहां कूटनीतिक परेशानी का सबब बनते हैं. वहीं पाकिस्तान जैसे पड़ोसी को भी दुष्प्रचार का सामान मुहैया करा देते हैं. हरिद्वार में 17-20 दिसंबर तक हुई धर्म संसद के दौरान कुछ भाषणों की आड़ लेते हुए पाकिस्तान ने भारत के उच्चायोग प्रमुख को तलब कर ऐसे ही तीर चलाने की कोशिश की.


इतना ही नहीं इस मामले को तूल देने कई कवायद में पाक सरकार ने इस्लामिक देशों के संगठन OIC और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से भी इन बयानों का संज्ञान लेने की अपील की. पाक की कोशिश ऐसे बयानों को मानवाधिकार विरोधी और अल्पसंख्यकों के हितों के खिलाफ बताने की है. हालांकि यह बात और है कि पाकिस्तान के अपने आंगन में अल्पसंख्यक अधिकारों की हालत इतनी चिंताजनक है कि बीते कई दशकों के दौरान लगातार उनके पलायन का सिलसिला जारी है.


पाकिस्तान ने कार्रवाई की मांग की


पाकिस्तान ने धर्म संसद में दिए गए कुछ विवादित बयानों के बहाने इस्लामाबाद में भारत उच्चायोग प्रमुख एम सुरेश कुमार को तलब कर शिकायत दर्ज कराई. साथ ही भारत से इस मामले पर जांच करा कार्रवाई करने की भी मांग की.


गौरतलब है कि धर्म संसद के दौरान प्रबोधानन्द गिरी समेत कुछ और लोगों की तरफ से दिए बयानों पर केस दर्ज किया जा चुका है. हरिद्वार पुलिस ने विवादित बयानों के संज्ञान लेते हुए इस मामले में दर्ज शिकायत पर वैमनस्य फैलाने का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. हालांकि अभी इस मामले में किसी की गिरफ्तारी अभी नहीं हुई है.


हिन्दू लड़कियों की जबरन शादी के मामले पाकिस्तान में दर्ज हुए


वहीं पाकिस्तान के भीतर बीते कुछ समय में हिन्दू लड़कियों की जबरन शादी कराए जाने और धर्मांतरण के कई मामले दर्ज होते रहे हैं. अगस्त 2021 में रहीम यार खान इलाके में हिन्दू मंदिर में हिन्दू बस्तियों में तोड़फोड़ की वारदात भी हुई थी. बाद में पाक सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई की थी.