नई दिल्ली: एक बार फिर पाकिस्तान की घिनौनी करतूत का वीडियो सामने आया है. पाकिस्तान की जेल में यातना से सताए भारतीय नेवी के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव का एक वीडियो जारी हुआ है. वीडियो पाकिस्तान की उस सेना का है जो खुद आतंक को पालती-पोसती है. जेल में बंद जाधव से जबरदस्ती कुछ बातें कबूलवाई गई हैं. कई कैमरों से शूट किए गए इस वीडियो में खामियां ही खामियां हैं. झूठ ही झूठ हैं.
जबरदस्ती बुलवाए गए इन झूठे बयानों के आधार पर पाकिस्तान ने एक बार फिर कुलभूषण जाधव मामले में अपना प्रोपगैंडा चलाया है. कुलभूषण पर पाकिस्तान की ओर से ये दूसरा वीडियो है. जिसे पाकिस्तान की सेना कुलभूषण का कबुलनामा बता रही है. कुलभूषण पर पाक के नए वीडियो की पोल खुली पाकिस्तान की सेना से जारी किया गया वीडियो 9 मिनट 50 सेकेंड का है. इस वीडियो में हर दो लाइऩों के बाद कट हैं. जैसे कुछ छिपाने की कोशिश की गई हो. आपको यहां बता दें कि कलुभुषण के पुराना यानी पहला वीडियो 6 मिनट का था और उसमें 100 से ज्यादा कट थे. पाकिस्तान के झूठ के इस वीडियो में एक नई बात है. पूरे वीडियो को कई कैमरों से शूट किया गया. बीच-बीच में वीडियो एडिटिंग छिपाने के लिए कुछ अलग विजुअल लगाए गए हैं. वीडियो को देखकर एक बात और साफ होती है. कुलभूषण जैसे किसी टेलीप्रॉम्पटर को पढ़ रहे हैं. दर्शकों के लिए यहां ये जानना जरूरी है कि टेली प्रॉम्पटर के जरिए बोलने वाले को स्क्रिप्ट दी जाती है. ये कैमरे के ठीक ऊपर लगा होता है. देखने में लगता है कि शख्स कैमरे को देखकर बोल रहा है. जबकि वो टेलीप्रोम्पटर पढ़ता है. वीडियो में एक बात और गौर करने वाली है. कुलभूषण यादव ने पाक सेना प्रमुख को एक दया याचिका भेजी है. इस याचिका में जो बयान कुलभूषण ने दिए. हूबहू वही बातें इस वीडियो में हैं. यानी जैसे दया याचिका को ही पाकिस्तान ने जबरदस्ती पढ़वाया और उसे नाम कबूलनामा दे दिया. आपको बता दें कि जाधव का मामला हेग की अंतर्राष्ट्रीय अदालत में चल रहा है. इंटरनेशनल कोर्ट ने कहा है कि जब तक ये साबित न हो कि कुलभूषण जासूस है उसे सजा न दी जाए. यही नहीं कोर्ट ने पाकिस्तान को सुनवाई के दौरान कुलभूषण का झूठा कबुलनामा वीडियो दिखाने से मना कर दिया था. लेकिन अब पाकिस्तान ने एक बार फिर दूसरा झूठा वीडियो जारी किया है.भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने हाल ही में कहा था कि आईसीजे का फैसला आने से पहले कुलभूषण जाधव को फांसी नहीं दी जाएगी. एबीपी न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में बासित ने कहा था कि कुलभूषण पाकिस्तान में जिंदा हैं.
कुलभूषण जाधव नौसेना से रिटायर होने के बाद अपनी कार्गो कंपनी चलाते थे, इसी सिलसिले में वे व्यापार के लिए ईरान गए थे. उन्हें ईरान से ही अगवा कर लिया गया. इसके बाद बलूचिस्तान से उनकी गिरफ्तारी दिखाई गई और उन्हें रॉ का एजेंट बताते हुए फांसी की सजा सुना दी गई. भारत लगातार कुलभूषण जाधव पर काउंसलर एक्सेस की मांग कर रहा है लेकिन पाकिस्तान आईसीजे के फैसले बाद भारत को काउंसलर एक्सेस नहीं दे रहा है.