Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने ओडिशा के रहने वाले एक परिवार के मंगलवार (29 मार्च) को बयान दर्ज किए. अधिकारियों ने बताया कि एनआईए की तीन सदस्यीय टीम ने रंजीत भोल (69) के परिवार से मुलाकात की, जो 22 अप्रैल को हमले के समय पत्नी शशि कुमारी नायक (65), छोटे बेटे संदीप (35) और बहू लेलिना शुभदर्शिनी (33) के साथ पहलगाम के बैसरन में थे.
एनआईए के अधिकारी तुलसीपुर के देउली साही में स्थित उनके आवास पर दो घंटे रहे. अधिकारियों ने हमले में मारे गए 26 लोगों में से एक प्रशांत सत्पथी की पत्नी प्रिया दर्शनी आचार्य का 26 अप्रैल को बयान दर्ज किया था. भोल परिवार ने रविवार को कई समाचार चैनलों को बताया था कि उन्होंने आतंकवादियों को तीन पर्यटकों की हत्या करते देखा था.
अपने बेटे की शादी की तीसरी सालगिरह मनाने कश्मीर गईं शशि कुमारी ने कहा, 'उन्होंने मुझसे 5 -10 फुट की दूरी पर तीन लोगों की हत्या कर दी.' गोलियों से बचने के लिए भागने की कोशिश करते समय उनके बाएं हाथ और दाहिने पैर में ‘फ्रैक्चर’ हो गया.
घुटने टेके और कलमा पढ़ा: रंजीत
उन्होंने कहा, 'भगवान जगन्नाथ और साईं बाबा ने मुझे और मेरे परिवार को बचा लिया.' शशि के बेटे संदीप ने दावा किया कि उन्हें आतंकवादियों के सामने घुटने टेकने पड़े और खुद को बचाने के लिए कलमा पढ़ना पड़ा. उन्होंने कहा, 'मैं पूरे समय भगवान हनुमान के बारे में सोच रहा था. हालांकि मैं भगवान हनुमान की तस्वीर वाला लॉकेट पहनता था, लेकिन उस दिन मैं इसे भूल गया था. शायद, यह भगवान की इच्छा थी, जिसके कारण मैं इतनी बड़ी त्रासदी से बच सका.'
आतंकियों को गोली मारते बहुत नजदीक से देखा: संदीप
संदीप ने बताया, 'मैंने आतंकवादियों को बहुत करीब से लोगों की हत्या करते देखा है.' उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी मां से अपने माथे से बिंदी हटाने को कहा था.
गोलियों की आवाज सुनने से पहले हम फोटो खिंचवा रहे थे: रंजीत
संदीप के पिता रंजीत ने बताया कि मरने वालों को या तो सिर पर या फिर सीने पर गोली लगी थी. उन्होंने कहा, 'घटना हमारे मौके पर पहुंचने के 15 मिनट बाद हुई. हम गोलियों की आवाज सुनने से पहले तस्वीरें खिंचवा रहे थे.'
हमने डॉक्टर से भी झूठ बोला: रंजीत
रंजीत ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों ने उनकी घायल पत्नी को बचाया और उनका इलाज कराने के लिए अस्पताल ले गए. उन्होंने कहा, 'हालांकि वे चाहते थे कि हम अस्पताल में रहें, लेकिन हमने डॉक्टर से झूठ बोला कि चोट हमले वाली जगह पर नहीं लगी है.' उन्होंने बताया कि वे कश्मीर से रवाना होने की जल्दी में थे.