Pahalgam Terror Attack: खुफिया एजेंसियों की शुरुआती जांच में सामने आया है कि पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकियों ने पीर पंजाल की पहाड़ियों से भारत में दाखिल होने के बाद, राजौरी से चत्रु, फिर वधावन होते हुए पहलगाम तक का सफर तय किया.

यह इलाका रियासी और उधमपुर जिले के पास आता है, जहां गुज्जर और बकरवाल समुदाय की बड़ी आबादी है. इस रास्ते का चुनाव आतंकियों ने शायद इसलिए किया ताकि वे आम लोगों की आड़ में छिपकर सफर कर सकें और किसी को शक न हो.

भारत-नेपाल की सोनौली सीमा पर सुरक्षा कड़ी

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उत्तर प्रदेश पुलिस, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और विभिन्न खुफिया एजेंसियों ने कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर भारत-नेपाल की सोनौली सीमा पर चौकसी बढ़ा दी है. क्षेत्र में आतंकवादियों की आवाजाही रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को लोगों को सीमा पार करने की अनुमति देने से पहले उनकी पहचान की पड़ताल करने के लिए कहा गया है.

महराजगंज के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सोमेंद्र मीना ने बताया कि भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और राष्ट्र विरोधी तत्वों की घुसपैठ को रोकने के लिये एसएसबी ने नेपाल जाने वाले प्रत्येक मार्ग पर क्लोज सर्किट कैमरे और ड्रोन कैमरे लगाए हैं. उन्होंने बताया कि ये कैमरे मुख्य सड़कों के अलावा सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) चौकियों पर भी लगाए गए हैं.

पुलिस अधीक्षक ने दी ये बड़ी जानकारी

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि नेपाल की खुली सीमा सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती है. मित्र राष्ट्र होने के कारण यहां रोजाना अनेक लोग सीमा पार करते हैं और राष्ट्र विरोधी तत्व इसका फायदा उठाने की कोशिश करते हैं. सोमेंद्र ने बताया कि नेपाली सुरक्षा एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है, ताकि कोई राष्ट्र विरोधी तत्व भारतीय सीमा में घुसपैठ न कर सके. सुरक्षा एजेंसियां ​​हाई अलर्ट पर हैं और महाराजगंज में नेपाल सीमा पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.

उन्होंने बताया कि एसएसबी और पुलिस सीमा से सटे भीड़भाड़ वाले इलाकों और ढाबों पर संदिग्ध लोगों की जांच कर रही है. इसके साथ ही डॉग स्क्वायड की मदद से सोनौली भारत-नेपाल सीमा से गुजरने वाले लोगों और वाहनों पर कड़ी नजर रखी जा रही है

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