पहलगाम हमले आतंकी हमले शामिल तीन आतंकियों जिन्हें भारतीय सेना ने 28 जुलाई को ऑपरेशन महादेव में मार गिराया था, उसमें से तीसरे आतंकी जिब्रान की शिनाख्त आखिरकर ऑपरेशन महादेव के साढ़े तीन महीने बाद पीओके के हनन जफर के रूप में हुई है. बीते दिन पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले आतंकी हनन जफर की याद में उसके घर में उसकी तस्वीरें के साथ एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें सूत्रों के मुताबिक लश्कर ए तैयबा का टॉप कमांडर और हनन जफर उर्फ जिब्रान को लश्कर जॉइन करवाने वाला आतंकी अबू मूसा उर्फ अब्दुल्लाह कश्मीरी भी शामिल था.

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ऑपरेशन सिंदूर के अगले दिन ही हो गई थी पहचान

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अब तक आई जानकारी के मुताबिक, पहलगाम हमले में शामिल आतंकी हनन जफर उर्फ जिब्रान की उम्र लगभग 25 साल थी और उसका पिता मोहम्मद जफर मजदूरी का काम पीओके के सुधनोति इलाके में करता था. ऑपरेशन महादेव में मारे गए पहलगाम हमले के बाकि दो आतंकियों की पहचान ऑपरेशन के अगले दिन ही सामने आ गई थी, जिसमें पाकिस्तान के शेखपुरा का बिलाल अफजल उर्फ फैसल जट्ट उर्फ सुलेमान और हबीब ताहिर उर्फ हमजा अफगानी भी शामिल था और भारतीय सेना के हाथों मार दिया गया था.

19 साल की उम्र में लश्कर में हो गया था शामिल

सूत्रों के मुताबिक, आतंकी हनन जफर उर्फ जिब्रान ने 19 साल की उम्र में लश्कर ए तैयबा जॉइन किया था, जिसमें पहले चरण में उसने मुरीदके में स्थित लश्कर की सुफ़्फा एकडेमी से दौरा ए सुफ़्फ़ा/दौरा ए उम्मा किया था, जिसके बाद मुजफ्फराबाद स्थित लश्कर ए तैयबा के ट्रेनिंग कैम्प केएफसी मुज़फ़्फ़राबाद से दौरा ए लश्कर और फॉरवर्ड कहुटा से दौरा ए फिदाई की ट्रेनिंग लेकर भारतीय सीमा में घुसा था और 22 अप्रैल को पहलगाम में अपने बाकी दो साथियों के साथ आतंकी हमले को अंजाम दिया था.

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