Republic Day 2023: भारत सरकार ने पद्म अवार्ड की घोषणा बुधवार (25 जनवरी) को की. जिन लोगों को ये अवार्ड मिलेंगे उनमें 106 नाम शामिल हैं. इन नामों में कई नाम ऐसे भी हैं जो गुमनाम हैं. अधिकारियों ने बताया कि पुरस्कार पाने वालों में से कई गुमनाम नायक भी हैं जो निस्वार्थ भाव से समाज और लोगों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं और जिन्हें नरेंद्र मोदी सरकार 2014 में सत्ता में आने के बाद से सम्मानित कर रही है.

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वदिवेल गोपाल और मासी सदाइयां ये दो वो नाम हैं जिनको सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित करने का एलान किया है. ये जानकर हैरानी होगी कि ये दोनों सांप पकड़ते हैं. खास बात ये है कि इनको ग्लोबल स्नेक एक्सपर्ट कहा जाता है. ये दोनों सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के अलग-अलग कोनों में सांप पकड़ने के लिए जाते हैं. इन्हें अपने क्षेत्र का महारती कहा जाता है. वदिवेल गोपाल और मासी सदाइयां तमिलनाडु राज्य के रहने वाले हैं.

सामाजिक कार्य (पशु कल्याण) फील्ड से मिलेगा अवार्ड

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इन दोनों दोस्तों को सामाजिक कार्य (पशु कल्याण) श्रेणी में पद्मश्री के लिए चुना गया है. वदिवेल गोपाल और मासी सदाइयां तमिलनाडु की इरुला जनजाति से आते हैं. इस जनजाति को सांप पकड़ने में महारत हासिल होती है. यहां तक कि सरकार भी मानती है कि इरुला जनजाति ने विषरोधकों को जमा करके भारत में हेल्थकेयर इकोसिस्टम के अंदर काफी योगदान दिया है.

सांप पकड़ने में महारत हासिल

गोपाल और मासी की सांप पकड़ने की अनोखी प्रतिभा के कायल कई देश हैं. वो अमेरिका के अलावा थाईलैंड समेत अन्य देशों में कई जहरीली प्रजाति के सांपों को पकड़कर अपना कमाल दिखा चुके हैं. ये हर तरह की सांपों की प्रजाति को पकड़ सकते हैं, लेकिन अजगर पकड़ने में इन्हें महारत हासिल है. कई देशों में ये सांप पकड़ने के तरीके से भी सिखा चुके हैं. खास बात ये है कि गोपाल और मासी आज भी सांप पकड़ने के पुराने तरीकों को ही अपनाते हैं.

साल 2017 में, फ्लोरिडा विश्वविद्यालय की ओर से वित्त पोषित एक पायलट पायथन डिटेक्शन प्रोजेक्ट के लिए दोनों को फ्लोरिडा ले जाया गया था. वदिवेल गोपाल और मासी सदाइयां दोनों ने वहां 27 से ज्यादा अजगर पकड़कर सबको हैरान कर दिया था और अपने इस हुनर के गुण को सबको सिखाया भी.

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