नई दिल्लीः देशद्रोह के मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र (चार्जशीट) दाखिल होने के बाद उन्हें कांग्रेस का समर्थन मिला है. आरोप पत्र दाखिल होने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि कन्हैया के खिलाफ देशद्रोह का आरोप 'हास्यास्पद ' है. उन्होंने कहा कि क्या जांच टीम भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए और इस धारा पर कानून की जानकारी है? उन्होंने इसे पढ़ा भी है?
पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, ''कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ देशद्रोह का आरोप हास्यास्पद है. देशद्रोह का आरोप लगाने के लिए 1200 पृष्ठों का आरोप पत्र तैयार हुआ और इसमें तीन साल लगे. सिर्फ इसी से सरकार की मंशा का पता चल जाता है.''
उन्होंने कहा, ''जांच दल में कितने लोगों ने आईपीसी की धारा 124ए पढ़ी और समझी है? एक लोकतांत्रिक गणराज्य में इस तरह के प्रावधान पर गंभीर विमर्श होना चाहिए.'' दरअसल, दिल्ली पुलिस ने 2016 में दर्ज देशद्रोह के मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है.
आरोप पत्र दाखिल होने के बाद कन्हैया कुमार ने ट्वीट कर कहा कि पीएम से हमने 15 लाख, रोजगार और अच्छे दिन मांगे थे, देश के अच्छे दिन आए न आए कम से कम चुनाव से पहले हमारे खिलाफ चार्जशीट तो आई है. कन्हैया ने कहा, ''मोदी जी से हमने 15 लाख, रोजगार और अच्छे दिन मांगे थे, देश के अच्छे दिन आए न आए कम से कम चुनाव से पहले हमारे खिलाफ चार्जशीट तो आई है। अगर यह खबर सही है तो मोदी जी और उनकी पुलिस को बहुत-बहुत धन्यवाद.''JNU देशद्रोह केस: 3 साल बाद 2000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल करेगी दिल्ली पुलिस, कन्हैया-उमर का है नाम
पुलिस ने जेएनयू परिसर में नौ फरवरी 2016 को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने के लिए पूर्व छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया था. यह कार्यक्रम संसद हमला मामले के मास्टरमाइंड अफजल गुरू की फांसी की बरसी पर आयोजित किया गया था.
आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (राजद्रोह), 323 (किसी को चोट पहुंचाने के लिए सजा), 465 (जालसाजी के लिए सजा), 471 (फर्जी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को वास्तविक के तौर पर इस्तेमाल करना), 143 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र समूह का सदस्य होने के लिए सजा), 149 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र समूह का सदस्य होना), 147 (दंगा फैलाने के लिए सजा) और 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत आरोप लगाए गए हैं.
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