नई दिल्ली: अमेरिका के ह्यूस्टन में 22 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 50,000 से ज्यादा भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करेंगे. यह कार्यक्रम ह्यूस्टन के एनआरजी स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा. यह अमेरिका का सबसे बड़ा फुटबॉल स्टेडियम है. भारतीय समुदाय का भी यह अमेरिका में अब तक का सबसे बड़ा कार्यक्रम होगा. लेकिन इसकी एक खास बात यह है कि इस कार्यक्रम में भारतीय मुस्लिम एसोसिएशन भी अब जुड़ गई है. इंडियन मुस्लिम एसोसिएशन ऑफ ग्रेटर ह्यूस्टन टेक्सास राज्य में भारतीय मुसलमानों की यह सबसे बड़ी संस्था है और इसके प्रमुख मुनीर इब्राहिम ने इसकी घोषणा खुद की है. ह्यूस्टन में भारतीय मुसलमानों की संस्था की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर और एग्जीक्यूटिव कमिटी ने एक आम सहमति से निर्णय लेकर प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम के लिए बनी कमेटी में हिस्सेदारी करने की घोषणा की है.

इस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष लतफ हुसैन जो कि वाराणसी यानी पीएम मोदी के लोकसभा क्षेत्र के ही रहने वाले हैं, उनका कहना है कि "मैं वाराणसी में पैदा हुआ और पला-बढ़ा हूं, मुझे वह सारे अवसर मिले जो हिंदुस्तान में एक आम नागरिक को मिलते हैं, लेकिन रोजी रोटी के लिए मैं अमेरिका के ह्यूस्टन शहर आकर बस गया. अब जब भारत मां के बेटे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ह्यूस्टन आ रहे हैं तो यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि हम भारत मां के लाल का स्वागत करें.''

पिछले महीने ही इंडियन मुस्लिम एसोसिएशन ऑफ ग्रेटर ह्यूस्टन नाम की इस भारतीय मुस्लिम समुदाय की संस्था ने हिंदू स्वयंसेवक संघ के वाइस प्रेसिडेंट रमेश बटुडा को ईद उल फितर के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बना कर बुलाया था, और बटुडा का वहां मौजूद 500 मुस्लिम भारतीयों ने खड़े होकर ताली बजाकर स्वागत किया था. इंडियन मुस्लिम एसोसिएशन ऑफ ग्रेटर ह्यूस्टन के पूर्व अध्यक्ष लतफ हुसैन ने कहा कि हम हिंदू हो सकते हैं, मुसलमान हो सकते हैं या क्रिश्चियन हो सकते हैं, लेकिन हम सबसे पहले भारतीय हैं और देश से बाहर भी हम सबसे पहले भारतीय हैं. उन्होंने कहा कि जब दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री यहां आ रहे हैं तो उनका स्वागत भी उतना ही विराट और वैभव भरा होना चाहिए.

ह्यूस्टन में होने वाले भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में 50,000 से ज्यादा लोग अभी तक रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. इस कार्यक्रम के लिए भारतीयों की 612 से ज्यादा संस्थाओं ने वेलकम पार्टनर के तौर पर अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. 1,000 से ज्यादा वॉलिंटियर्स इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं, ह्यूस्टन में होने वाले इस कार्यक्रम के लिए टेक्सास राज्य के अलावा अमेरिका के दूसरे इलाकों से भी लोग पहुंचेंगे. मोदी सरकार 2.0 बनने के बाद भारतीय अमेरिकी लोगों के लिए यह पहला मौका होगा जब पीएम मोदी अमेरिका जा रहे हैं.

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