Mahakumbh Stampede: मौनी अमावस्या के मौके पर प्रयागराज में हुई भगदड़ और उसमें हुई मौतों को लेकर विपक्ष ने उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं. विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार के जारी आंकड़े वास्तविकता से मेल नहीं खाते. प्रशासन के अनुसार, भगदड़ में 30 लोगों की मौत और 90 लोग घायल हुए हैं. हालांकि, विपक्षी दलों ने इन आंकड़ों को गुमराह करने वाला बताया.

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "सरकार को सही आंकड़े बताने चाहिए, क्योंकि मौनी अमावस्या के मौके पर जो भगदड़ हुई, उसकी भयावहता सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों से कहीं अधिक नजर आ रही है."

विपक्ष के नेताओं की प्रतिक्रियाराजद सांसद मनोज झा ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि कुंभ से जिस तरह की जानकारी और तस्वीरें सामने आई हैं, वह बता रही हैं कि घटना कितनी बड़ी थी, लेकिन सरकार की ओर से जो 30 मौतों का आंकड़ा पेश किया गया है वह सच की असली तस्वीर सामने नहीं रख रहा.

उद्धव गुट के सांसद ने क्या कहा?उद्धव गुट वाली शिवसेना के सांसद अनिल देसाई ने भी प्रयागराज की घटना पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक तरफ सरकार दावे कर रही थी कि करोड़ों लोगों के लिए इंतजाम किए गए हैं लेकिन इस घटना ने सरकार के दावों की कलई खोल दी. अनिल देसाई ने कहा कि सरकार की तरफ से मौतों का जो आंकड़ा पेश किया गया है वह सही नहीं लग रहा. सरकार को इस पर सामने आकर सफाई देनी चाहिए.

उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन ने घटना के करीब 17 घंटे बाद सामने आकर घायलों और मृतकों के बारे में आधिकारिक जानकारी दी है. प्रशासन के मुताबिक मौनी अमावस्या के दौरान हुई भगदड़ के दौरान 90 लोग घायल हुए थे, जिसमें से 30 की मौत हो गई जबकि बाकी लोगों का इलाज चल रहा है, लेकिन विपक्ष लगातार घायलों और मृतकों की संख्या को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन के आंकड़ों पर अविश्वास जता रहा है.

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