ऑपरेशन सिंदूर पर सोशल मीडिया पोस्ट करने वाले अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. बुधवार (21 मई, 2025) को उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने प्रोफेसर के पोस्ट पर सवाल भी उठाए कि ऐसे वक्त में उनको ऐसा पोस्ट करने की जरूरत क्या थी. इससे पहले मंगलवार को एक जिला अदालत ने प्रोफेसर को 27 मई तक के लिए ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया था. ऑपरेशन सिंदूर पर पोस्ट के लिए उन्हें रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया था.

अली खान की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने बेंच के सामने पक्ष रखा और कहा कि याचिकाकर्ता के बयान को देखिए. उन्होंने कहा कि यह सोशल मीडिया पोस्ट है. सिब्बल ने अली खान का सोशल मीडिया पोस्ट पढ़कर कोर्ट को सुनाया.

जस्टिस सूर्यकांत ने कपिल सिब्बल से पूछा किया क्या यह कोई न्यूज आर्टिकल है. जज ने सवाल किया कि याचिकाकर्ता युद्ध के दुष्परिणाम की बात करते करते राजनीतिक बात करने लगे. जस्टिस सूर्यकांत ने पूछा, 'क्या अभी यह सब बातें करने की जरूरत थी? जब देश संकट के खिलाफ एकजुट था, तब यह सब करने की क्या जरूरत थी. वह प्रोफेसर हैं तो उनके पास शब्दों की कमी नहीं होगी. क्या इस तरह से बात नहीं कह सकते, जिससे कोई आहत न हो?'

कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि प्रोफेसर अली खान की पत्नी 9 महीने की गर्भवती हैं, वह न्यायिक हिरासत में हैं. हरियाणा सरकार के लिए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा, 'मेरे पास याचिका की कॉपी नहीं है, लेकिन इनको हाई कोर्ट जाना चाहिए था.'

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, 'यह बात सही है, लेकिन अब हम सुन रहे हैं तो जवाब  दीजिए. स्टेटमेंट में कहां महिला अधिकारियों का अपमान किया गया है?' एस वी राजू ने कहा, 'मुझे याचिका की कॉपी दी जाए. मैं जवाब दाखिल करूंगा. इनके 2 बयान हैं. दूसरा कोर्ट में पूरी तरह नहीं पढ़ा गया. मुझे 2 दिन का समय दीजिए जवाब दाखिल करने के लिए.'

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, 'पोस्ट से ऐसा लगता है कि वह युद्ध का विरोध कर रहे हैं, लेकिन कुछ बातों के दोहरे मतलब हो सकते हैं. यह जांच से ही पता चलेगा.' एएसजी राजू राजू, 'बिल्कुल, यह इतना सरल नहीं है जितना दूसरा पक्ष दिखाना चाह रहा है.'

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि दो सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर एफआईआर हुई है. फिलहाल जांच पर रोक की जरूरत नहीं है. तीन आईपीएस अधिकारियों की SIT का गठन हो. अधिकारी हरियाणा से बाहर के हों. आईजी रैंक के अधिकारी नेतृत्व करें. एक महिला अधिकारी भी हो. कोर्ट ने कहा, 'हम याचिकाकर्ता को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दे रहे हैं.'