Operation Sindoor: भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने NDTV को दिए एक विशेष इंटरव्यू में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान T-72 टैंकों और BMP-2 बख्तरबंद वाहनों की भूमिका का खुलासा किया है. यह अभियान 7 मई को अंजाम दिया गया था और इसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का प्रतिशोध लेना था, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली पर्यटक मारे गए थे.
सेना अधिकारी ने बताया कि ऑपरेशन की शुरुआत से पहले टैंक पहले से ही नियंत्रण रेखा (LOC) तक पहुंचा दिए गए थे. इनका मुख्य कार्य आतंकियों की घुसपैठ के लिए इस्तेमाल होने वाले मार्गों और चौकियों को ध्वस्त करना था.अधिकारी ने बताया कि बख्तरबंद वाहनों की भूमिका सटीक हमलों के लिए चुनी गई थी और इन्हें संयमित रूप में इस्तेमाल किया गया, ताकि संघर्ष विराम की सीमाएं न लांघी जाएं. अधिकारी ने कहा कि हमने उन पाकिस्तानी चौकियों को भी निशाना बनाया जो घुसपैठ में मदद कर रही थीं. ये हमारे लिए पहले से चिन्हित लक्ष्य थे.
T-72 टैंकों की खासियतT-72 टैंकों की 125 मिमी की बंदूकें और 4000 मीटर की मारक क्षमता वाली मिसाइलें इस ऑपरेशन का घातक हथियार बनीं. अधिकारी ने यह भी बताया कि इन हथियारों की प्रभावशीलता इतनी थी कि बहुत कम संसाधनों के साथ ज्यादा नुकसान किया गया. ऑपरेशन सिंदूर के तहत लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के 9 प्रमुख ठिकानों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया. रिपोर्ट्स के अनुसार मारे गए 100 से अधिक आतंकियों में से कुछ भारत में वांछित थे.कई आतंकवादी 1999 के कंधार विमान अपहरण कांड समेत अन्य बड़े हमलों से जुड़े हुए थे.यह कार्रवाई वायु सेना, पैदल सेना और बख्तरबंद बलों के समन्वित प्रयासों का परिणाम थी.
पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई विफलहमले के तुरंत बाद पाकिस्तान ने मिसाइल और ड्रोन हमले से जवाब देने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों ने उन्हें परास्त कर दिया. अंततः 10 मई को दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बनी. भारत सरकार ने इस ऑपरेशन को केंद्रित, मापा हुआ और गैर-आक्रामक करार दिया है, जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह दर्शाता है कि भारत केवल आतंक के खिलाफ सर्जिकल और निर्णायक कार्रवाई करता है.
वैश्विक कूटनीतिक अभियान शुरू, 51 नेता पहुंचेंगे प्रमुख देशों मेंभारत सरकार अब 51 राजनीतिक नेताओं, सांसदों और पूर्व मंत्रियों की एक प्रतिनिधिमंडल टीम तैयार कर रही है जो प्रमुख देशों की यात्रा कर ऑपरेशन सिंदूर के पीछे भारत की मजबूरी और उद्देश्य को वैश्विक मंचों पर सामने रखेगी. यह टीम पार्टी लाइन से ऊपर उठकर भारत के आतंकवाद के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस नीति को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मजबूती से रखेगी.