आतंकवाद पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी की सख्त चेतावनी से पाकिस्तान बुरी तरह डर गया है. जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 19 अक्टूबर को उत्तराखंड के पिथौरगढ़ से कहा था कि ऑपरेशिन सिंदूर कभी भी शुरू हो सकता है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन 1.0 रोका नहीं गया है. पाक एक्सपर्ट कमर चीमा ने पूछा है कि क्यों भारत की तरफ से ऐसे बयान आ रहे हैं और क्या ऑपरेशन सिंदूर 2.0 हो सकता है.
पाक एक्सपर्ट के सवाल पर इंडियन आर्मी के रिटायर्ड मेजर जनरल राजन कोचर ने कहा कि जब पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर भारत के खिलाफ जहर उगलेंगे तो भारत चुप तो नहीं बैठेगा. उन्होंने कहा, 'मैं ये मानता हूं कि ये एक तरफा नहीं है, अगर आपके जनरल आसिम मुनीर की पाकिस्तान मिलिट्री एकेडमी और फ्लोरिडा में स्पीच सुनें तो उन्होंने कुछ बयान दिए थे और कश्मीर को जगलर वेन बताया था. इस तरीके की जब बातें आती हैं तो पॉलिटिकल लीडरशिप अपनी अवाम को एक मैसेज देना चाहती है कि वो कमजोर नहीं है, उसकी फौजें कमजोर नहीं है और अगर बॉर्डर के उस पार से चुनौतियां आती हैं तो उसके लिए फौजें तैयार हैं.'
मेजर जनरल ने कहा कि आज अगर देखा जाए तो सबसे ज्यादा खतरा पाकिस्तान की तरफ से है और इसीलिए भारत की फौज की अगर वॉर डोक्ट्रेन देखेंगे तो हमेशा पाकिस्तान सेंट्रिक रही है, लेकिन कुछ साल पहले जब गलवन में चीन की चुनौती आई थी और फिर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के ऊपर जो स्थिति बन रही थी, उसको देखते हुए हमने अपनी डॉक्ट्रेन में बदलाव किया.
ऑपरेशन सिंदूर 2.0 के सवाल पर मेजर जनरल राजन कोचर ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि भारत और पाकिस्तान के बीच में कोई भी युद्ध होगा और ऑपरेशन सिंदूर 2.0 की हम बात करें तो वो एक स्ट्रेटजी है अपने दुश्मनों को ये मैसेज देने के लिए कि आने वाले वक्त में पहलगाम जैसा कोई अटैक दोबारा नहीं होना चाहिए और एक मैसेजिंग है हमारी फोर्स के लिए भी कि ऑपरेशनल रेडीनेस में रहने की जरूरत है.'
जनरल राजन कोचर ने कहा, 'अगर भारत की थ्रेट परसेप्शन को एलाइज करें तो वो चीन सेंट्रिक भी हैं. अगर उसके साथ रिश्ते थोड़े ठीक हुए हैं तो वो अच्छी बात है, लेकिन एलएसी पर न तो चीन ने सेना की तैनाती कम की है और न ही हमने कम की है. वेट एंड वॉच की पॉलिसी है वहां पर. जैसे-जैसे कॉन्फिडेंस बढ़ेगा तो फोर्स की तैनाती कम की जाएगी. पेट्रोलिंग को लेकर कुछ एग्रीमेंट्स हुए हैं, अब हमारे जवान उन पेट्रोल्स पर पहुंच पा रहे हैं, जहां पहले नहीं पहुंच पा रहे थे.'
उन्होंने कहा कि भारत टू फ्रंट पर वॉर के लिए तैयार है. आपको ये समझना पड़ेगा कि पहाड़ी इलाके में लड़ना और एक डिफरेंट टेरेन में लड़ना अलग बातें होती हैं और हमारी फौज जिस तरह से तैनात है और जिस तरीके से उनके पास बॉर्डर पर एडवांटेजेस पॉजीशन हैं, हम चीन का भी मुकाबला कर सकते हैं.