जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 बेकसूर पर्यटकों की मौत हो गई थी. 'ऑपरेशन महादेव' के तहत भारतीय सुरक्षा बलों ने सोमवार (28 जुलाई, 2025) को श्रीनगर में तीन आतंकियों को मार गिराया. इस कार्रवाई को लेकर पहलगाम में मारे गए लोगों के परिजनों ने केंद्र सरकार और भारतीय सेना की सराहना की.

पहलगाम आतंकी हमले में हर्षल लेले के पिता संजय लेले और मामा अतुल मोने की मौत हो गई थी. मृतक संजय लेले के बेटे हर्षल लेले ने मुंबई के कल्याण में सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैं भारत सरकार और हमारी सेना का तहेदिल से धन्यवाद करता हूं.

सेना ने मिशन किया पूरा

बेटे हर्षल लेले ने कहा कि सेना ने जो मिशन शुरू किया था, उसे पूरी निष्ठा और साहस के साथ अंजाम तक पहुंचाया. आज इन आतंकवादियों का खात्मा हुआ तो ऐसा लगता है कि मेरे पिता और मामा, जिनकी हमने पहलगाम हमले में जान गंवाई, उन्हें इंसाफ मिला है.

उन्होंने कहा कि हमारे परिवार के लिए यह एक बहुत बड़ी भावनात्मक राहत है. उनकी शहादत ने हमारे जीवन की दिशा ही बदल दी थी, सब कुछ जैसे रुक सा गया था. अब जब हम सुनते हैं कि वही आतंकी मारे गए हैं तो दिल को थोड़ी ठंडक मिलती है. एक इच्छा है कि जब तक अंतिम आतंकवादी का खात्मा नहीं होता, तब तक ये ऑपरेशन चलते रहना चाहिए. ये सिर्फ बदला नहीं, बल्कि न्याय है, उन सभी परिवारों के लिए जो आतंकवाद से पीड़ित हुए हैं. हर्षल लेले ने कहा कि पाकिस्तान के साथ कोई भी मैच नहीं खेला जाना चाहिए.

जान पर खेलकर सेना ने आतंकियों को किया ढेर

वहीं, पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता राजेश नरवाल ने करनाल में कहा कि सबसे पहले मैं अपनी भारतीय सेना, पैरामिलिट्री फोर्स और जम्मू कश्मीर पुलिस, जिन्होंने इस ऑपरेशन में हिस्सा लिया, उनके अदम्य साहस, उनके शौर्य और भारत सरकार की तरफ से किए गए उनके सपोर्ट को सलाम करता हूं. उन्होंने जिस शौर्य के साथ अपनी जान पर खेलकर जो आतंकी छिपे हुए थे, उन्हें मार गिराया.

उन्होंने कहा कि आतंकियों को मारना आसान काम नहीं था, उनकी बहादुरी को नमन करता हूं, उन्हें बार-बार सैल्यूट करता हूं, उन्हें इसका पूरा सम्मान मिलना चाहिए. इसमें एक आतंकी हाशिम मूसा भी है, जो पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था. भारतीय सेना ने शौर्यता का परिचय दिया है. इसमें कहीं न कहीं पाकिस्तान का हाथ रहा है, उनके द्वारा प्रायोजित था.

मोदी सरकार के प्रयासों से आतंकवादियों का सफाया

पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले कौस्तुभ गणबोटे की पत्नी संगीता गनबोटे ने पुणे में कहा कि बहुत अच्छा हुआ. तीन महीने हो गए, फिर भी आतंकवादी क्यों नहीं पकड़े गए? ये सवाल हमारे मन में बार-बार आ रहा था. अब पकड़े गए, मारे गए तो यह बहुत अच्छी बात है. मैं चाहती थी कि मैं अपने हाथों से उन्हें वैसे ही गोली मारूं, जैसे उन्होंने हमारे पति को गोली मारी थी, ताकि उन्हें भी पता चले कि तकलीफ क्या होती है.

गुजरात के भावनगर स्थित कालियाबीड़ इलाके में रहने वाले यतीशभाई परमार और उनके बेटे स्मित परमार की मौत हो गई थी. यतीशभाई की पत्नी किरणबेन परमार ने कहा कि मेरे पति और बेटे की आत्मा को शांति मिलेगी, मोदी सरकार के प्रयासों से आज आतंकवादियों का सफाया हो गया. पीएम मोदी पाकिस्तान की जड़ों से आतंकवादियों का सफाया करें. यतीशभाई के बेटे अभि परमार ने कहा कि रात-दिन मेहनत के बाद आखिरकर भारतीय सेना को सफलता मिली और आतंकियों को मार गिराया.

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